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शिक्षा विभाग भर्ती घोटालाः आउटसोर्स एजेंसी के दो सर्वर को सीबीआई ने किया जब्त, छापेमारी और तलाशी अभियान जारी

सीबीआई अधिकारियों ने गुरुवार को कोलकाता स्थित एक निजी कंपनी के कार्यालय में स्कूल भर्ती घोटाले में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत छापेमारी की। इस मामले में सीबीआई टीम ने OMR शीट तैयार करने के लिए जिम्मेदार आउटसोर्स एजेंसी एस बसु राय एंड कंपनी के दफ्तर से दो सर्वर जब्त किए हैं। इस मामले में टीम पिछले दो दिनों से छापेमारी और तलाशी अभियान जारी रखी हुई है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 11 Jul 2024 05:10 PM (IST)
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बंगाल में शिक्षा विभाग के भर्ती घोटाले में सीबीआई का एक्शन (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में शिक्षा विभाग के भर्ती घोटाले नौकरी बदले नकदी मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने आप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट तैयार करने के लिए जिम्मेदार आउटसोर्स एजेंसी एस बसु राय एंड कंपनी के दफ्तर से दो सर्वर जब्त किए हैं।

सीबीआइ के अधिकारियों की एक टीम गुरुवार सुबह से ही साइबर और साफ्टवेयर विशेषज्ञों के साथ उस दफ्तर में छापेमारी और तलाशी अभियान चला रही है। टीम ने मंगलवार और बुधवार को भी इसी तरह की छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था।

सीबीआइ अधिकारी ने इन मुद्दों पर साधी चुप्पी

सीबीआई के अधिकारी कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद साइबर और सफ्टवेयर विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं। कोर्ट ने सीबीआइ को ओएमआर शीट से संबंधित डेटा फिर से प्राप्त करने के लिए किसी विशेष एजेंसी की मदद लेने की सलाह दी थी। हालांकि, सीबीआइ अधिकारी इस बात पर चुप्पी साधे हुए हैं कि क्या नई छापेमारी और तलाशी अभियान में कोई महत्वपूर्ण बरामदगी हुई है या नहीं।

परीक्षा में इस्तेमाल की गई ओएमआर शीट की गई नष्ट

हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा की एकल पीठ के आदेश के अनुसार, विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद के लिए पूरा खर्चा पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) वहन करेगा। गौरतलब है कि 9 जुलाई को डब्ल्यूबीबीपीई के वकील ने जस्टिस राजशेखर मंथा की एकल पीठ के सामने दावा किया था कि बंगाल के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए 2017 में लिखित परीक्षा में इस्तेमाल की गई ओएमआर शीट नष्ट कर दी गई है।

TMC के विधायक पर लगा OMR शीट नष्ट करने का आरोप

वकील ने कहा था कि यह तृणमूल कांग्रेस के विधायक और डब्ल्यूबीबीपीई के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के आदेश पर किया गया था। डब्ल्यूबीबीपीई के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया था कि ओएमआर शीट नष्ट करने का फैसला भट्टाचार्य ने स्वतंत्र रूप से लिया था। इस मामले में बोर्ड के अन्य सदस्यों की ओर से कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था।

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