पश्चिम बंगाल: चुनाव आयोग ने मांगी संवेदनशील बूथों की लिस्ट, केंद्रीय बलों की तैनाती संभव
Lok Sabha Election 2024 केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल से संवेदनशील बूथों की जानकारी मांगी है। चुनाव को लेकर राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती संभव है। साथ ही राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से उन बूथों का विवरण भी मांगा है जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के बंगाल विधानसभा चुनावों में संवेदनशील घोषित किया गया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल में संवेदनशील बूथों की सूची बिना देरी किए मांगी है। राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही सूची की मांग करना एक स्पष्ट संकेत है कि चुनाव से बहुत पहले राज्य के विभिन्न हिस्सों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती होगी।
बूथों की मांगी जानकारी
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि आयोग ने उन बूथों का विवरण भी मांगा है, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के बंगाल विधानसभा चुनावों में संवेदनशील घोषित किया गया था। यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव तैयारियों के संबंध में स्थिति का जायजा लेने के लिए आयोग की पूर्ण पीठ मार्च के पहले सप्ताह में बंगाल का दौरा करेगी।
चार मार्च को आएगी चुनाव आयोग की टीम
नवीनतम कार्यक्रम के अनुसार, पूर्ण पीठ चार मार्च को कोलकाता आएगी और अगले दिन उनके प्रतिनिधि राज्य के शीर्ष नौकरशाहों तथा पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि संभवतः पूर्ण पीठ संवेदनशील बूथों के विवरण के साथ चुनाव तैयारियों पर राज्य की प्रशासनिक मशीनरी के साथ चर्चा शुरू करना चाहती है और आयोग ने तुरंत इस संबंध में सूची मांगी है।हाल ही में दो ऐसे घटनाक्रम हुए हैं जिनसे यह स्पष्ट है कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बंगाल ईसीआई की विशेष निगरानी में है। सबसे पहले आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र बलों की 920 कंपनियों की तैनाती की मांग की है, जो किसी भी दूसरे राज्य से अधिक है। दूसरा, आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए नोडल अधिकारी के लिए राज्य सरकार की पहली पसंद को खारिज कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बंगाल में चुनावी हिंसा का इतिहास रहा है। 2021 के विधानसभा चुनाव के अलावा पिछले साल राज्य में हुए पंचायत चुनाव के दौरान भी भारी हिंसा हुई थी, ऐसे में आयोग सतर्क है।
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