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Rashid Khan Death: थम गया सुर, प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक राशिद खान का निधन; कोलकाता के अस्पताल में ली आखिरी सांस

कोलकाता के ईस्टर्न बाईपास के एक निजी अस्पताल में भर्ती प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायक उस्ताद राशिद खान का मंगलवार तड़के निधन हो गया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक उनके पूरे शरीर में संक्रमण तेजी से फैल गया था। उन्हें 21 नवंबर को स्ट्रोक हुआ था। इसके बाद से ही वह अस्पताल में भर्ती थे। इसके अलावा उस्ताद राशिद खान प्रोस्टेट कैंसर से भी पीड़ित थे।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 10 Jan 2024 12:05 AM (IST)
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प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक राशिद खान का निधन (फोटो, सोशल मीडिया)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मशहूर भारतीय शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को यहां निधन हो गया। वह 55 साल के थे। संगीत के सरताज खान को ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह प्रोस्टेट कैंसर से भी जूझ रहे थे। लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल में अपराह्न 3.45 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने उनके निधन की जानकारी देते हुए बताया कि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन हम असफल रहे। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उस्ताद राशिद खान के निधन पर ट्वीट करके शोक जताया है। 

निधन की खबर सामने आते ही संगीत जगत में शोक की लहर

उस्ताद खान को 21 दिसंबर को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। 22 दिसंबर से ही वह अस्पताल में भर्ती थे। बीच में उनकी तबीयत में सुधार हुआ था, लेकिन फिर उनकी हालत बिगड़ गई। उनके पूरे शरीर में संक्रमण तेजी से फैल गया। कई दिनों से उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। सुबह उन्हें कार्डियक अरेस्ट भी हुआ था। उनके निधन की खबर सामने आते ही संगीत जगत में शोक की लहर छा गई।

हस्तियों ने उस्ताद के निधन पर गहरा शोक जताया

विशिष्टजनों तथा संगीत जगत की तमाम हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ यहां उनकी अंत्येष्टि की जाएगी। अंतिम दर्शन के लिए बुधवार को कोलकाता के रवींद्र सदन में उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

खान अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ कोलकाता में ही रहते थे। राशिद खान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उनका जन्म एक जुलाई 1968 को बदायूं में हुआ था। वे रामपुर-सहसवानघराने से ताल्लुक रखते थे। वे इस घराने की शुरुआत करने वाले इनायत हुसैन खान के प्रपौत्र थे।

2022 में मिला था पद्म भूषण

भारत सरकार द्वारा खान को 2006 में पद्मश्री व संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार जबकि 2022 में उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बंगाल सरकार ने उन्हें बंग विभूषण से भी नवाजा था।

14 वर्ष की आयु में आए थे कोलकाता

बचपन से ही राशिद खान को संगीत में दिलचस्पी थी। उनका संगीत करियर तब शुरू हुआ जब वह सिर्फ 11 साल के थे। वह ग्वालियर के उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे हैं। चाचा ही उन्हें पहले मुंबई ले गए थे। उन्होंने वहां संगीत का अध्ययन किया। बाद में उन्होंने उस्ताद निसार हुसैन खान से संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की। वह रामपुर-सहसवान घराने से थे, जिसकी उत्पत्ति मेहबूब खान और उनके बेटे इनायत हुसैन खान से हुई है। 14 साल की उम्र में वे कोलकाता आ गए और यहां आइटीसी संगीत रिसर्च अकादमी से जुड़ गए। जाने-माने शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित भीमसेन जोशी ने राशिद खान को भारतीय संगीत का भविष्य बताया था।

हस्तियों ने जताया शोक

उनके निधन पर प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित अजय चक्रवर्ती ने कहा कि भारतीय संगीत जगत ने आज एक गुणी कलाकार को खो दिया है। राशिद खान की मेरे दिल में क्या जगह थी, उसे शब्दों से बयां नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा कि यह पूरे देश और संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।

बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी दी आवाज

खान ने बालीवुड की कई फिल्मों में भी आवाज दी। उनके प्रसिद्ध गानों में करीना फिल्म जब वी मेट का 'आओगे जब तुम ओ साजना' गाना भी शामिल है। इसके अलावा उन्होंने राज 3 का गाना दीवाना कर रहा है, शादी में जरूर आना का तू बन जा गली बनारस की, फिल्म 'किसना: द वारियर पोएट' में काहे उजाड़ी मोरी नींद, फिल्म 'माय नेम इज खान' में अल्लाह ही रहम गानों को गाया था, जो काफी मशहूर हुआ।

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