सुप्रीम व हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद सीबीआइ के सामने हाजिर नहीं हुए प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष
सर्वोच्च न्यायालय ने माणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी पर एक दिन के लिए लगाई रोक। मंगलवार शाम तक सीबीआइ के दफ्तर में पेश होने का दिया था निर्देश। हाईकोर्ट ने भी माणिक को पेश होने को कहा था। फैसले के बाद से लापता हैं माणिक थाने में गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज।
By JagranEdited By: Vijay KumarUpdated: Tue, 27 Sep 2022 10:46 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बावजूद पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य मंगलवार शाम पूछताछ के लिए सीबीआइ दफ्तर में हाजिर नहीं हुए। माणिक अदालत के फैसले के बाद से 'लापताÓ हैं। अदालत की तरफ से नियुक्त किए गए एसीपी ने कोलकाता के जादवपुर थाने में उनकी गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज कराई है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को माणिक भट्टाचार्य को थोड़ी राहत देते हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में उनकी गिरफ्तारी पर बुधवार तक के लिए रोक लगा दी थी, हालांकि उन्हें मंगलवार शाम को ही सीबीआइ दफ्तर में हाजिर होने का भी निर्देश दिया था।
सीबीआइ के कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा थादूसरी तरफ कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी माणिक को मंगलवार रात आठ बजे तक सीबीआइ के कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था। न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने यह भी कहा था कि अगर माणिक जांच में सहयोग नहीं करते हैं तो जरूरत पडऩे पर उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
मामले के लिए नियुक्त एसीपी ने जादवपुर थाने जाकर उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दीसुप्रीम व हाई कोर्ट के दोहरे निर्देश के बावजूद रात आठ बजे तक माणिक सीबीआइ दफ्तर नहीं पहुंचे। उनका मोबाइल फोन भी बंद बताया गया। इसके बाद हाई कोर्ट की तरफ से इस मामले के लिए नियुक्त किए गए एसीपी ने जादवपुर थाने जाकर उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। माणिक के घर जाने पर वहां मौजूद लोगों ने कहा कि वे सुबह ही घर से निकल गए थे। उनके कुछ करीबियों के मुताबिक वे दिल्ली में हैं।
शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं नष्ट करने की भी होगी सीबीआइ जांच प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाएं (ओएमआर शीट) नष्ट करने की भी अब सीबीआइ जांच होगी। न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने मंगलवार को यह आदेश दिया। सुनवाई के दौरान प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से अदालत को सूचित किया गया कि 2014 की प्राथमिक टेट की 20 लाख ओएमआर शीट से करीब 12 लाख 95 हजार को नष्ट कर दिया गया है। इसपर न्यायाधीश ने पूछा कि बाकी ओएमआर शीट का क्या हुआ? किस तरह से ओएमआर शीट को नष्ट किया गया? किसके निर्देश पर नष्ट किया गया? नष्ट करने का जिस संस्था को जिम्मा दिया गया, क्या उसके लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं? इन सारे सवालों का बोर्ड संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि अपराध को अंजाम देने के लिए ओएमआर शीट को नष्ट किया गया इसलिए इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। ओएमआर शीट नष्ट करने का दायित्व प्राप्त संस्था की भूमिका की भी जांच जरुरी है। इस मामले पर अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।