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Adhir Ranjan Chowdhury: अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, खरगे पर कसा तंज

अपनी ही पार्टी में अलग-थलग चल रहे पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आखिरकार बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह घोषणा शुक्रवार दोपहर कांग्रेस कमेटी की राज्य इकाई की बैठक के बाद की। यह बैठक लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Fri, 21 Jun 2024 05:15 PM (IST)
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बंगाल में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। (फाइल फोटो)

आईएएनएस, कोलकाता। अपनी ही पार्टी में अलग-थलग चल रहे पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आखिरकार बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह घोषणा शुक्रवार दोपहर कांग्रेस कमेटी की राज्य इकाई की बैठक के बाद की। यह बैठक लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन के कारणों की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी।

बता दें कि बंगाल में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। हालांकि, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं। अपने इस्तीफे की पुष्टि करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि वह सिर्फ कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष थे।

...तब से कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं

उन्होंने कहा, "जब से मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं, तब से कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं है।" चौधरी ने आगे कहा कि जब पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति होगी तो आप सभी को पता चल जाएगा।

यूसुफ पठान से चुनाव हारे हैं अधीर रंजन

मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार पार्टी के लोकसभा सांसद रहे चौधरी को इस बार तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी रहे यूसुफ पठान ने हरा दिया।

पार्टी आलाकमान के साथ काफी समय से था मतभेद

बता दें कि तृणमूल के साथ कांग्रेस के रिश्तों के मुद्दे पर अधीर रंजन चौधरी के पार्टी आलाकमान के साथ मतभेद काफी समय से सामने आ रहे थे। दरअसल, खरगे के साथ उनके मतभेद लोकसभा चुनावों के दौरान सामने आए थे।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस से कट्टर विरोधी रुख के लिए जाने जाने वाले चौधरी हमेशा से माकपा नीत वाम मोर्चे के साथ चुनावी समझौते पर अपने विचार मुखर रूप से रखते रहे हैं।

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