सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ राज्यपाल ने किया मानहानि का दावा, 11 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग
Governor defamation case पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कलकत्ता उच्च न्यायालय में राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर पूर्व के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर गुरुवार को महत्वपूर्ण सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई। न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मुखर्जी और न्यायमूर्ति बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि मामले में उनके आरोप सही साबित होने पर 11 करोड़ रुपये का दावा किया है। इसके अलावा राज्यपाल ने कोर्ट फीस के लिए 50 हजार रुपये देने का भी अनुरोध किया है। ममता ने कहा था कि महिलाओं ने उनसे कोलकाता में राजभवन में जाने को लेकर डर जाहिर किया था।
इस पर राज्यपाल बोस ने कलकत्ता हाई कोर्ट में ममता समेत तृणमूल के दो विधायकों सायंतिका बनर्जी, रेयात हुसैन सरकार और तृणमूल नेता कुणाल घोष के खिलाफ विरुद्ध मानहानि का मामला दायर किया था। राज्यपाल के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता के मामले की सुनवाई गुरुवार को खंडपीठ में स्थगित कर दी गई। अब शुक्रवार को जस्टिस इंद्रप्रसन्न मुखर्जी और जस्टिस बिस्वरूप चौधरी की खंडपीठ में सुनवाई होगी।
बुधवार को मुख्यमंत्री के वकील सौमेंद्रनाथ मुखर्जी ने दावा किया था कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में बिना किसी सुबूत के अंतरिम आदेश पारित किया था। उन्होंने आदेश पर रोक की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ममता ने आदेश को दी थी चुनौती
बता दें कि एकल पीठ ने बनर्जी और तीन अन्य पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ मानहानिकारक और गलत बयान देने पर रोक लगा दी थी। मुख्यमंत्री ममता ने राज्यपाल बोस द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी थी।
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