Bengal Politics: राष्ट्रपति मुर्मु पर मंत्री अखिल गिरि की टिप्पणी को लेकर हाई कोर्ट ने मांगी जांच रिपोर्ट
दो सप्ताह के भीतर पुलिस को मंत्री द्वारा दिए गए बयान की जांच कर हलफनामा जमा देने का निर्देश।राष्ट्रपति को लेकर की गई टिप्पणी मामले की सुनवाई में राज्य ने बुधवार को हाई कोर्ट को सूचित किया था कि पुलिस अखिल गिरि के खिलाफ सभी शिकायतों की जांच कर रही।
By Jagran NewsEdited By: PRITI JHAUpdated: Thu, 17 Nov 2022 04:46 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्य के जेल मंत्री अखिल गिरि द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लेकर की गई विवादित टिप्पणी की जांच कर पुलिस को अगले दो सप्ताह के भीतर अदालत में हलफनामा के रूप में रिपोर्ट पेश करना होगा। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को यह आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने गुरुवार को आदेश दिया कि अखिल गिरि भी अपना बयान हलफनामे के जरिए दें। इस मामले पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
राष्ट्रपति के खिलाफ कथित तौर पर विवादित टिप्पणी मामले में
राष्ट्रपति को लेकर की गई टिप्पणी मामले की सुनवाई में राज्य ने बुधवार को हाई कोर्ट को सूचित किया था कि पुलिस अखिल गिरि के खिलाफ सभी शिकायतों की जांच कर रही है। यह बात राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में राष्ट्रपति के खिलाफ कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में मंत्री के खिलाफ दायर जनहित याचिका के मद्देनजर कही।
वकील सुष्मिता साहा दत्ता ने नंदीग्राम में एक जनसभा में देश के राष्ट्रपति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए रामनगर से तृणमूल विधायक व मंत्री अखिल गिरि के खिलाफ जनहित याचिका दायर की। कलकत्ता हाई कोर्ट में अपनी सुनवाई में राज्य सरकार ने कहा कि अखिल की टिप्पणियों के खिलाफ दायर सभी मामलों को देखा जा रहा है। यह भी कहा जाता है कि मामले पर कोई विशेष प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। उधर, अखिल के वकील ने बुधवार को कोर्ट से एक दिन का समय मांगा था। हाई कोर्ट ने समय दे दिया था और इसके बाद गुरुवार को मामले पर दोबारा सुनवाई हुई।
मंत्री के खिलाफ विधानसभा में निंदा प्रस्ताव स्वीकार होने की उम्मीद कम
जेल मंत्री अखिल गिरि के खिलाफ निंदा प्रस्ताव को पश्चिम बंगाल विधानसभा शायद ही स्वीकार करे। तृणमूल के मंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी। उसी के मद्देनजर भाजपा विधायक दल ने राजभवन जाकर उन्हें हटाने की मांग की है। साथ ही भाजपा ने शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा का शीतकालीन सत्र में निंदा प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन एक सवाल है कि क्या निंदा प्रस्ताव को स्वीकार किया जाएगा। क्योंकि अखिल के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला लंबित है। इसलिए, निंदा प्रस्ताव विधानसभा में स्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि मामला विचाराधीन है। सूत्रों के मुताबिक तृणमूल विधायक दल के भीतर इस मामले पर पहले ही चर्चा हो चुकी है। उन्होंने मामला स्पीकर पर छोड़ दिया है।
बुधवार को विधानसभा में कार्य मंत्रणा (बीए) समिति की बैठक हुई। उस बैठक के बाद स्पीकर बिमान बनर्जी ने मीडिया से मुखातिब हुए थे। भाजपा विधायक दल अखिल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही है, उस मामले में उनकी क्या भूमिका होगी? इस प्रश्न के जवाब में स्पीकर ने कहा कि अखिलबाबू के खिलाफ ऐसा कोई प्रस्ताव उन्हें नहीं दिया गया। पढ़ेंगे तो वह जरूर इस पर विचार करेंगे। यह विधानसभा के दायरे में है या नहीं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। स्पीकर के इस बयान से साफ है कि गिरि के खिलाफ विधानसभा में शायद ही निंदा प्रस्ताव स्वीकार हो।
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