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उच्च प्राथमिक की नियुक्ति में भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच की मांग याचिका को हाईकोर्ट ने किया नामंजूर

उच्च प्राथमिक की नियुक्ति से जुड़ा मुख्य मामला फिलहाल न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की खंडपीठ में लंबित है। कुछ दिन पहले न्यायमूर्ति तालुकदार और न्यायमूर्ति भट्टाचार्य की पीठ ने निर्देश दिया था कि साक्षात्कार प्रक्रिया को जारी रखने में कोई बाधा नहीं है।

By Priti JhaEdited By: Updated: Wed, 28 Jul 2021 12:31 PM (IST)
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भ्रष्टाचार की सीबीआइ जांच की मांग याचिका को हाईकोर्ट ने किया नामंजूर
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। उच्च प्राथमिक की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआइ या सीआइडी ​​जांच की मांग के आवेदन को कलकत्ता हाईकोर्ट ने नामंजूर कर दिया है । मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने हावड़ा के उलुबेरिया निवासी सुब्रत मंडल के आवेदन को स्वीकार नहीं किया। कहा कि खंडपीठ इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है। इस संबंध में मुख्य मामला जिस पीठ में चल रहा है, उसी के समक्ष अपील करनी होगी।

उच्च प्राथमिक की नियुक्ति से जुड़ा मुख्य मामला फिलहाल न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की खंडपीठ में लंबित है। कुछ दिन पहले न्यायमूर्ति तालुकदार और न्यायमूर्ति भट्टाचार्य की पीठ ने निर्देश दिया था कि साक्षात्कार प्रक्रिया को जारी रखने में कोई बाधा नहीं है। साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी करने के बाद पैनल तैयार करना होता है। साथ ही साक्षात्कार के लिए बुलाए गए उम्मीदवारों को एक पारदर्शी डेटाबेस बनाने की जरूरत है। इसके अलावा, शिकायत दर्ज कराने वालों को स्कूल सेवा आयोग या एसएससी अधिकारियों के लिए एक डेटाबेस भी बनाना होगा।

कोर्ट के आदेश के मुताबिक इंटरव्यू की प्रक्रिया चल रही है। इंटरव्यू लिस्ट से नाराज लोग स्कूल सेवा आयोग से भी शिकायत कर रहे हैं। इस बीच नई नियुक्तियों में अनियमितता के आरोपों की सीबीआइ या सीआइडी ​ ​​जांच की मांग को लेकर यदि कोई मामला दर्ज होता है तो अब नौकरी चाहने वालों की नजर इस पर है कि पीठ ने क्या निर्देश दिया है।

नौ जुलाई को कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले ने राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में कटौती की। राज्य सरकार साक्षात्कार प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर पात्र आवेदकों को नियुक्ति पत्र सौंप सकेगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले में स्थगन आदेश को हटा लिया। हालांकि हाईकोर्ट ने भी शिकायतकर्ताओं को अहमियत दी है। स्कूल सेवा आयोग शिकायतों के समाधान के लिए जिम्मेदार है। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने आयोग के सचिव स्तर के अधिकारियों को अगले 12 सप्ताह के भीतर इसका निस्तारण करने का निर्देश दिया है। 

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