एनआइए ने संभाली कोलकाता के मोमिनपुर हिंसा की जांच, 9 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
मोमिनपुर में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी जिसमें हिंदुओं के घरों पर हमले हुए थे। भाजपा ने इसके पीछे एक बडी साजिश की आशंका जताई थी। सुवेंदु अधिकारी ने गृह मंत्री से जांच एनआइए को सौंपने की मांग की थी।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 19 Oct 2022 04:39 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र के मोमिनपुर में नौ अक्टूबर को हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच बुधवार को अपने हाथ में ले ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इस मामले की जांच एनआइए को सौंपने का आदेश दिया था। इसके बाद एनआइए ने जांच हाथ में लेते हुए इस मामले में एक प्राथमिकी भी दर्ज की है। केंद्रीय एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
एनआइए ने अपने हाथों ले ली जांच की कमान
एनआइए ने अपने द्वारा दर्ज प्राथमिकी की एक प्रति बुधवार को कोलकाता के बैंकशाल अदालत के समक्ष भी प्रस्तुत किया और आधिकारिक तौर पर कोलकाता पुलिस के विशेष जांच दल (एसआइटी) से जांच अपने हाथ में ले ली। इसके पहले 12 अक्टूबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया था। इसका नेतृत्व कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल कर रहे थे। खंडपीठ ने मामले में एनआइए जांच के लिए कोई आदेश नहीं दिया था। केंद्रीय एजेंसी से जांच होगी या नहीं, यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के विवेक पर छोड़ दिया था।
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अब तक हो चुकी है 57 लोगों की गिरफ्तारी
अदालत ने एसआइटी को दो सप्ताह के भीतर मामले में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट के निर्देश के अनुसार एसआइटी ने जांच शुरू की और पांच प्राथमिकी दर्ज की। इस हिंसा के मामले में पुलिस अब तक 57 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
इधर, एनआइए के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों की हिरासत की भी हम अदालत से मांग करेंगे। इसके साथ ही हम इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की मांग भी करेंगे।
यह है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यक बहुल मोमिनपुर इलाके में नौ व 10 अक्तूबर की रात को उपद्रव हुआ था। इस दौरान हिंदुओं के घरों पर हमले एवं कई वाहन फूंक दिए गए थे। दरअसल, पैगंबर मोहम्मद की जयंती के मौके पर निकाले गए जुलूस के समर्थन में यहां कुछ हिंदुओं के घरों व दुकानों के बाहर जबर्दस्ती इस्लामिक झंडे लगाए जाने के बाद हिंसा भड़की थी। झंडे को हटाने को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे। इस हिंसा में पुलिस उपायुक्त समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
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