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कोलकाता पुलिस आयुक्त और DCP के खिलाफ एक्शन में गृह मंत्रालय, गवर्नर सीवी ने लगाए थे गंभीर आरोप

केंद्रीय गृह मंत्रालय कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगी। केंद्रीय मंत्रालय की कार्रवाई पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की तरफ से विनीत गोयल और कोलकाता पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने के बाद आई है। जिसमें राज्यपाल के कार्यालय को बदनाम करने का आरोप लगाया है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 07 Jul 2024 04:45 PM (IST)
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राज्यपाल सीवी आनंद बोस के आरोप के बाद DCP के खिलाफ एक्शन लेगा गृह मंत्रालय (फाइल फोटो)
पीटीआई, कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और एक डीसीपी के खिलाफ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यालय को बदनाम करने के आरोप में अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।

अधिकारी ने आगे जानकारी देते हुए कहा, केंद्रीय मंत्रालय की कार्रवाई पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की तरफ से विनीत गोयल और कोलकाता पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने के बाद आई, जिसमें आरोप लगाया गया कि वे ऐसे तरीके से काम कर रहे थे जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से गलत है।

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सौंपी थी रिपोर्ट

अधिकारी ने  कहा कि बोस ने जून के अंतिम हफ्ते में गृह मंत्री को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे को उजागर किया है कि कोलकाता पुलिस के अधिकारी ने चुनाव बाद राज्यपाल को हिंसा के पीड़ितों से मिलने की अनुमति नहीं दी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की तरफ से प्रस्तुत एक विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है।

'राज्यपाल के कार्यालय को किया गया बदनाम'

उन्होंने बताया कि पत्र की कॉपियां 4 जुलाई को राज्य सरकार को भेज दी गई थीं। अधिकारी ने बताया कि बंगाल के राज्यपाल ने राजभवन में तैनात अन्य पुलिस अधिकारियों पर भी अप्रैल-मई 2024 के दौरान एक महिला कर्मचारी के मनगढ़ंत आरोपों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया।अधिकारी ने बताया इन आईपीएस अधिकारियों ने अपने काम के माध्यम से न केवल राज्यपाल के कार्यालय को बदनाम किया है, बल्कि ऐसे तरीके से काम किया है जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह से गलत है।

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