Bengal: IIT-खड़गपुर के छात्र की मौत मामले में एडीजी जयरमन के नेतृत्व में होगी जांच, हाई कोर्ट ने नहीं लगाई रोक
कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर में छात्र की मौत की जांच राज्य पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) जयरमन के नेतृत्व में की जाएगी। हालांकि मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच पर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा कि मृत छात्र की दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट के आधार पर जांच आगे बढ़ेगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर में छात्र की मौत की जांच राज्य पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) जयरमन के नेतृत्व में की जाएगी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच पर कोई अंतरिम रोक नहीं लगाई है।
छात्र की दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट के आधार पर जांच आगे बढ़ेगी
हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि मृत छात्र की दूसरी ऑटोप्सी रिपोर्ट के आधार पर जांच आगे बढ़ेगी। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कोलकाता पुलिस के होमिसाइड डिवीजन के सेवानिवृत्त अधिकारी सुशांत दान की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। खंडपीठ ने सीआईडी होमिसाइड डिवीजन के अधिकारी कौशिक बसाक को जांच अधिकारी नियुक्त करने के एकल पीठ के आदेश को रद कर दिया।
हाई कोर्ट ने दिया ये निर्देश
हाई कोर्ट ने आईपीएस अधिकारी जयरमन को एक सक्षम अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि और कितने दिन? माता-पिता कितने दिन इंतजार करेंगे? यह घटना संस्थान की गुणवत्ता को बर्बाद कर रही है।
हॉस्टल के कमरे में लटकता हुआ मिला था फैजान का शव
बता दें कि पिछले साल 14 अक्टूबर को असम निवासी बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तृतीय वर्ष के छात्र फैजान का लटकता हुआ शव आईआईटी खड़गपुर के हॉस्टल के कमरे से बरामद किया गया था। स्वजनों का आरोप है कि उसकी हत्या की गई है। इसे लेकर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
आत्महत्या की जांच के लिए हुआ था विशेषज्ञ समिति का गठन
फैजान ने आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई, इसकी जांच के लिए हाई कोर्ट के आदेश पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था। उस कमेटी की रिपोर्ट में अहम जानकारियां सामने आईं थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्र के सिर के पीछे किसी भारी वस्तु से वार किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि उसका निशान भी मिल गया है। विशेषज्ञ समिति ने दावा किया कि पुलिस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटें शामिल नहीं हैं। इसके बाद कोर्ट ने नई कमेटी को रिपोर्ट सौंपने की तारीख तय कर दी।