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कोलकाता मेट्रो हादसा: एफआईआर दर्ज, इंजीनियरों की टीम करेगी जांच

Kolkata metro accident. पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन पर हादसे में हुई एक व्यक्ति की मौत के मामले में मृतक के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है।

By Sachin MishraEdited By: Updated: Sun, 14 Jul 2019 01:06 PM (IST)
कोलकाता मेट्रो हादसा: एफआईआर दर्ज, इंजीनियरों की टीम करेगी जांच
कोलकाता, जेएनएन। कोलकाता में शनिवार को पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन पर हादसे में हुई एक व्यक्ति की मौत के मामले में मृतक के परिजनों ने शेक्सपियर सरनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। वही, रविवार को इंजीनियरों की टीम मेट्रो रेक की जांच करेगी। शुरुआती जांच में मेट्रो के चालक तथा गार्ड का बयान दर्ज किया जा रहा है। मालूम हो कि शनिवार को मेट्रो रेलवे के गेट में फंसकर एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मेट्रो रेल यात्री को घसीटते हुए प्लेटफॉर्म से करीब 60 मीटर अंदर सुरंग में चली गई थी।

इस तरह हुआ हादसा

मेट्रो रेलवे के इतिहास में शनिवार शाम ऐसी भयावह घटना घटी कि लोगों की रूह कांप उठी। पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन पर पहुंचे एक अत्याधुनिक एसी रैक के कोच में चढ़ते वक्त एक यात्री का हाथ दरवाजे में फंस गया। उसका शरीर बाहर लटक रहा था। उसी वक्त मेट्रो ने दौड़ लगा दी। ट्रेन के टनल में पहुंचते ही ट्रैक पर गिरकर यात्री की मौत हो गई। यात्रियों का आरोप है कि कोच में लगा आपातकालीन बटन दबाने के बाद भी ट्रेन नहीं रुकी। प्लेटफार्म पर तैनात आरपीएफ कर्मी भी यात्री की जान बचाने को लेकर निष्कि्रय रहे। गार्ड ने भी ट्रेन को रुकवाने की सुध नहीं ली। घटना के बाद सेंट्रल से टालीगंज तक मेट्रो संचालन ठप हो गया। मेट्रो रेल प्रशासन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। मोटरमैन और गार्ड को निलंबित कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, शनिवार शाम करीब पौने सात बजे दमदम से कवि सुभाष की ओर जा रहे मेट्रो के अत्याधुनिक एसी रैक के पार्क स्ट्रीट स्टेशन पर पहुंचने के बाद इंजन से तीसरे कोच में चढ़ते वक्त अचानक दरवाजा बंद हो जाने से एक यात्री का हाथ फंस गया और शरीर बाहर रह गया। दरवाजा पूरी तरह बंद हुए बिना ही ट्रेन रवाना हो गई। दरवाजे में यात्री को फंसा देख कोच में सवार यात्रियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। मृत्युंजय चक्रवर्ती समेत अन्य प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि कोच में लगे आपातकालीन बटन को दबाने के बाद भी ट्रेन नहीं रुकी। मोटरमैन और गार्ड को भी यात्री के बाहर लटकने की भनक नहीं लगी। दरवाजे के सेंसर ने भी काम नहीं किया। ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ कर्मी भी ट्रेन रुकवाने की जगह निष्क्रिय बने रहे।

प्लेटफार्म छोड़ने के बाद करीब 500 मीटर दूर टनल में पहुंचने के बाद दीवार से टकरा कर यात्री थर्ड लाइन पर जा गिरा। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद मोटरमैन को खतरे का अहसास हुआ तो उसने आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। घटना के बाद करीब 40 मिनट तक ट्रेन रुकी रही। एसी बंद होने से यात्रियों का दम घुटने लगा तो चीख पुकार मच गई। इसके बाद मेट्रो का दरवाजा खुलवा कर यात्रियों को बाहर निकाला गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर एसएसकेएम अस्पताल पहुंचाया। घटना के चलते सेंट्रल से टालीगंज तक मेट्रो संचालन ठप हो गया।

मेट्रो रेलवे के जीएम पीसी शर्मा ने मोटरमैन और गार्ड को निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। सूचना पर मेयर फिरहाद हकीम और डीसी साउथ मिराज खालिद भी घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने घटना की जांच शुरू की। मृतक की शिनाख्त सजल कांजीलाल के रूप में हुई है। वह कसबा थाना इलाके के बोसपुकुर का रहने वाला था। कोलकाता पुलिस ने भी घटना की जांच शुरू करते हुए पार्क स्ट्रीट प्लेटफार्म पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है।

जांच के आदेश 

मेट्रो में यात्री की मौत की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही घटना की वजह का पता चल पाएगा। मोटरमैन की लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-इंद्राणी बनर्जी, सीपीआरओ, मेट्रो रेलवे।

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कार्रवाई होगी

घटना बेहद दुखद है। मेट्रो रेलवे में कभी ऐसी घटना भी होगी, ऐसी कल्पना कभी नहीं की थी। शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

-फिरहाद हकीम,  मेयर, कोलकाता

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एक समय का गर्व, अब अवहेलना की शिकार: ममता बनर्जी

पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन में यात्री की दुखद मौत पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक समय का गर्व कहलाने वाली मेट्रो रेलवे अब अवहेलना की शिकार हो रही है। ममता ने कहा-'मेरे रेल मंत्री रहते वक्त कोलकाता मेट्रो रेलवे के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए गए थे लेकिन केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद से ही मेट्रो की उपेक्षा की जाने लगी। यात्री सुरक्षा और सुविधा के लिए उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अवहेलना के चलते आए दिन मेट्रो रेलवे में कोई न कोई घटना होती रहती है। 

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