Move to Jagran APP

बंगाल में आते ही गायब हुआ 10 करोड़ रुपये मूल्य का iPhone, चोरों ने ऐसे दिया चोरी को अंजाम

चलते ट्रक से 10 करोड़ रुपये मूल्य के आइफोन की फिल्मी स्टाइल में चोरी होने का मामला सोमवार को सामने आया है। एप्पल कंपनी के मोबाइल फोन को ट्रक के माध्यम से चेन्नई से कोलकाता ले जाया जा रहा था। पिछले साल 26 सितंबर को एक ट्रक कुल 9.70 करोड़ रुपये के एप्पल आइफोन लेकर चेन्नई से निकला था ।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 08 Jan 2024 08:30 PM (IST)
Hero Image
चेन्नई से आते समय दस करोड़ रुपये मूल्य का आइफोन गायब। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। चलते ट्रक से 10 करोड़ रुपये मूल्य के आइफोन की फिल्मी स्टाइल में चोरी होने का मामला सोमवार को सामने आया है। एप्पल कंपनी के मोबाइल फोन को ट्रक के माध्यम से चेन्नई से कोलकाता ले जाया जा रहा था। आरोप है कि बंगाल में प्रवेश करने के बाद मोबाइल चोरी कर हो गया। चोरी की पूरी घटना सुनकर कलकत्ता हाई कोर्ट भी हैरान रह गया।

चोर बजार में बेजे गए मोबाइल

कोर्ट में मौजूद कई लोगों को लगा कि वादी का वकील किसी बालीवुड फिल्म की कहानी सुना रहे हैं। यहां तक कि पुलिस को पता चला कि चोरी गए कई मोबाइल अब चालू हो गए हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो दो महीने पहले चुराए गए कई मोबाइल चोर बाजार में बेच दिए गए हैं। हाई कोर्ट ने पूरे मामले की जांच जिला पुलिस अधीक्षक की निगरानी में कराने का आदेश दिया है।

चालक को देनी होती है कार्यालय को जानकारी

पिछले साल 26 सितंबर को एक ट्रक कुल 9.70 करोड़ रुपये के एप्पल आइफोन लेकर चेन्नई से निकला था। इसका गंतव्य कोलकाता था। परिवहन कंपनी ट्रकों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक 'जीपीएस सिस्टम' का उपयोग करती है। परिणामस्वरूप, यदि ट्रक पांच मिनट से अधिक समय तक रुकती है, तो चेतावनी परिवहन कंपनी के कार्यालय तक पहुंच जाती है। उसी समय कार्यालय से ड्राइवर से संपर्क किया जाता है। उसे कार्यालय को ट्रक रोकने के स्थान के बारे में जानकारी देनी होती है।

यह भी पढ़ेंः गुम या चोरी हो जाए iPhone तो घबराएं नहीं, डिवाइस को सेफ रखने में ये आसान तरीके आएंगे काम

मौके पर पहुंची थी पुलिस

कथित तौर पर, ट्रक के रवाना होने के अगले दिन, यह तीन राज्यों को पार करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग छह से बंगाल में प्रवेश किया था। कंपनी के कार्यालय को पता चला कि ट्रक बीते वर्ष 28 सितंबर को सुबह छह बजे के आसपास पश्चिम मेदिनीपुर जिले के नया बाजार क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप पर पांच मिनट से अधिक समय तक खड़ा था। इसके बाद ड्राइवर से संपर्क किया गया, लेकिन बार-बार फोन करने पर भी ट्रक ड्राइवर ने फोन नहीं उठाया। ऐसे में ट्रांसपोर्ट कंपनी ने 45 मिनट बाद डेबरा थाने में सूचना दी। पुलिस ने मौके पर जाकर ट्रक बरामद कर लिया। उन्होंने जाकर देखा तो ट्रक खाली था और सभी आइफोन गायब था। ट्रक ड्राइवर या उसके खलासी भी नहीं था। फोन चोरी होने के बारे में इलाके में पूछताछ के बाद भी पुलिस कुछ भी बरामद नहीं कर सकी।

चलते ट्रक से आइफोन चोरी होना का दावा

हाई कोर्ट में ट्रांसपोर्ट कंपनी के वकील अपलक बसु ने कहा कि जब ट्रक चल रहा था उसी समय आइफोन चोरी हुए हैं। क्योंकि इससे पहले गाड़ी लंबे समय तक कहीं भी खड़ी नहीं रही है। इस राज्य में प्रवेश करने के बाद उस ट्रक के साथ एक और ट्रक आया। दोनों ट्रकें काफी समय तक एक ही गति से साथ-साथ चलता रहा। ऐसे में हो सकता है कि फोन चोरी हो गए हों। वह काम डेबरा के टोल प्लाजा से पहले पूरा कर लिया गया, ताकि टोल प्लाजा पर दोनों ट्रकों के चालकों की मिलीभगत का पता न चल सके।

अभी तक नहीं हुई गिरफ्तारी

योजना के मुताबिक टोल प्लाजा पार करने के बाद ड्राइवर और खलासी ने ट्रक छोड़ कर भाग निकला। वकील का दावा है कि आइफोन मुख्य रूप से सुरक्षा पर जोर देता है। पुलिस को बार-बार यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि चोरी के बाद फोन चोर बाजार में न चले जाएं। वे ऐसा नहीं कर सके। यहां तक कि पुलिस ने पहले तो एफआइआर तक दर्ज नहीं की। बाद में 10 अक्टूबर को घटना की एफआइआर दर्ज की गई। पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सका है।

ट्रांसपोर्ट कंपनी ने खटखटाया है हाई कोर्ट का दरवाजा

पुलिस पर ठीक से जांच नहीं करने का आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्ट कंपनी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पिछले गुरुवार को हाई कोर्ट में उनके वकील का बयान था कि कंपनी देशभर में ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी है। उस क्षेत्र में उनकी प्रतिष्ठा है। लेकिन इस करोड़ों रुपये की आइफोन चोरी ने कंपनी की छवि पर सवालिया निशान लगा दिया है। तीन माह पहले हुई घटना की पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही है। क्या इसकी जांच सीआइडी या किसी अन्य एजेंसी को दी जानी चाहिए। हालांकि, राज्य ने दावे का खंडन किया।

यह भी पढ़ेंः 'बंगाल पुलिस ने अधिकारियों पर हमले के मामले में जमानती धाराओं में दर्ज की प्राथमिकी', ED ने कहा- नहीं मिली FIR की कॉपी

दो फरवरी को होगी अगली सुनवाई

उनके वकील ने बताया कि एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। उस घटना में उन्होंने कई फोन के 'आइएमईआइ कोड' को निष्क्रिय कर दिया था। कई फोन ब्लैक मार्केट के माध्यम से भी बेचे गए हैं। कुछ फोन दिल्ली में होने की बातें सामने आई है। ऐसे में पश्चिम मेदिनीपुर जिले के पुलिस अधीक्षक के लिए दिल्ली जाकर जांच करना संभव नहीं है। इस पर न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने आदेश दिया कि फिलहाल जिले के पुलिस अधीक्षक जांच की निगरानी करें। इस मामले की अगली सुनवाई दो फरवरी को होगी। उस दिन पुलिस जांच की प्रगति की रिपोर्ट कोर्ट को देगी। पुलिस को मामले की केस डायरी के साथ उपस्थित होने को भी कहा गया है।

यह भी पढ़ेंः West Bengal News: अपने मोहल्ले में छिपा हो सकता है ED अधिकारियों पर हमले के पीछे का मास्टरमाइंड, टीएमसी विधायक ने किया दावा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।