IPL, 2022: एक मैच से ही हो गई रजत की चांदी, विराट कोहली भी हुए इनके मुरीद
कल तक कोई उन्हें खरीदने को तैयार नहीं था। आज नीलामी करवा दो तो कोई टीम छोडऩा नहीं चाहेगी। ऊंची-ऊंची बोलियां लगेंगी। इंदौर के रजत पाटीदार ने खेल ही ऐसा दिखाया है कि हर कोई उनका मुरीद हो गया है। इनमें विराट कोहली भी शामिल हैं।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। कल तक कोई उन्हें खरीदने को तैयार नहीं था। आज नीलामी करवा दो तो कोई टीम छोडऩा नहीं चाहेगी। ऊंची-ऊंची बोलियां लगेंगी। इंदौर के रजत पाटीदार ने खेल ही ऐसा दिखाया है कि हर कोई उनका मुरीद हो गया है। इनमें विराट कोहली भी शामिल हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया-'रजत पाटीदार का नाम आप भविष्य में कई बार सुनेंगे। मैंने कई लाजवाब पारियां देखी हैं। दबाव वाली पारियां भी देखी हैं लेकिन रजत जैसी पारियां ज्यादा नहीं देखीं।'
मध्य प्रदेश के 28 साल के इस बल्लेबाज को आइपीएल से पहले कोई पूछने वाला नहीं था। नीलामी में किसी ने नहीं खरीदा, या यूं कहें कि नीलामी में कब उनका नाम आया और गया, पता ही नहीं चला। पाटीदार ने आइपीएल में पिछले साल रायल चैलेंजर्स बेंगलुरु का होकर पदार्पण किया था। मुंबई इंडियंस के खिलाफ डेब्यू मैच में उन्होंने सिर्फ आठ रन बनाए थे। आइपीएल के पिछले सत्र में उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। उसके बाद बेंगलुरु ने पाटीदार से किनारा कर लिया लेकिन किस्मत ने उनके साथ दिलचस्प खेल खेला। बेंगलुरु के बल्लेबाज लवनीत सिसोदिया चोट के कारण आइपीएल से बाहर हो गए तो रजत की फिर से उसी टीम में एंट्री हो गई, हालांकि पहले कुछ मैचों में पाटीदार खास कमाल नहीं कर पाए लेकिन बुधवार उनका दिन था। एलिमिनेटर जैसे बड़े मैच में विराट कोहली, ग्लेन मैक्सवेल और फाफ डुप्लेसिस जैसे बड़े-बड़े बल्लेबाज फेल हुए तो इस अनजान खिलाड़ी ने अपनी पहचान बना ली। पाटीदार ने 54 गेंदों पर 112 रनों की आतिशी पारी खेली, जिसमें 12 चौके और सात छक्के शामिल थे। उनकी बेमिसाल बल्लेबाजी की बदौलत बेंगलुरु एलिमिनेटर की बाधा पार कर दूसरे क्वालीफायर में पहुंच गई है।
मैच के बाद पाटीदार ने कहा-'मेरे दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था और मुझपर किसी तरह का दबाव भी नहीं था। मुझे यकीन था कि मैं यहां से पार्टनरशिप बनाता हूं तो टीम को अच्छी स्थिति में ला सकता हूं।'
घुटने की चोट ने बदल दिया सबकुछ
पाटीदार ने गेंदबाज के तौर पर करियर शुरू किया था। खेलते समय घुटने में गंभीर चोट लग गई, जिसके कारण सर्जरी करानी पड़ गई। वह आठ महीने मैदान से दूर रहे लेकिन उसके बाद एक अलग खिलाड़ी के रूप में वापस आए। उन्होंने पूर्व भारतीय बल्लेबाज अमय खुरासिया से ट्रेनिंग लेकर अपनी बल्लेबाजी की टेक्निक को सुधारा। पाटीदर मध्य प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। रणजी टीम के उनके साथी खिलाड़ी उन्हें 'संकट मोचक' मानते हैं। वे कहते हैं कि पाटीदार ऐसी कई पारियां खेल चुके हैं लेकिन वे टीवी पर नहीं आए इसलिए लोगों को उसके बारे में पता नहीं था।
आठ साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया
एक जून, 1993 को इंदौर में जन्मे पाटीदार ने आठ साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उनके दादाजी ने क्रिकेट एकेडमी में उनका दाखिला कराया था। रणजी ट्राफी के 2015-16 सत्र में उन्होंने डेब्यू किया था। 2018 में जोनल टी-20 एलीट में एमपी के लिए पहला मैच खेला। 2018-19 सत्र में पाटीदार ने एमपी के लिए रणजी में सबसे ज्यादा रन बनाए थे। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर उनके पसंदीदा क्रिकेटर हैं।