बंगाल में ही शुरू हुआ अपराजिता विधेयक का विरोध, डॉक्टरों ने कहा- ये सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा
Aparajita Bill News पश्चिम बंगाल में ही अपराजिता विधेयक का विरोध शुरू हो गया है। कोलकाता रेप और मर्डर केस को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने विधेयक को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा बताया है। आपको बता दें कि इसी मंगलवार को बंगाल विधानसभा ने विधेयक को पारित किया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को दुष्कर्म विरोधी विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया। हालांकि, राज्य में ही इस विधेयक का विरोध शुरू हो गया है। आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के खिलाफ आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा बताया है।
अपराजिता विधेयक का क्यों हो रहा विरोध?
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि आरजी कर कांड में अपनी भूमिका को लेकर राज्य सरकार सवालों के घेरे में है, इसलिए सस्ती लोकप्रियता के लिए वह इस तरह का हथकंडा अपना रही है। इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।
गंभीर मामलों में हो जल्द सुनवाई
डॉक्टरों ने साथ ही आरजी कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होने वाली सुनवाई टलने पर भी नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि इतने गंभीर मामलों पर त्वरित सुनवाई होनी चाहिए।क्या है अपराजिता विधेयक?
विधेयक में दुष्कर्म के मामले की 21 दिन में जांच पूरी करने, पीड़िता के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषियों के लिए फांसी की सजा देने जैसे प्रावधान हैं। इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) नाम दिया गया है।
इस विधेयक में हाल में लागू भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 की विभिन्न धाराओं में संशोधन कर प्रावधानों को और सख्त किया गया है। अपराजिता विधेयक बीएनएस कानून से ज्यादा कड़ा है। अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
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