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आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति और PM को लिखा पत्र, कहा- जरुरत पड़ी तो और 33 दिन सड़क पर बैठेंगे

कोलकाता के आरजी कर कांड में न्याय की मांग पर आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। वेस्ट बंगाल जूनियर डाक्टर्स फ्रंट की ओर से लिखे गए चार पन्नों के इस पत्र की प्रतियां उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी भेजी गई हैं।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 13 Sep 2024 09:36 PM (IST)
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जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति और PM को लिखा पत्र

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर कांड में न्याय की मांग पर आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। वेस्ट बंगाल जूनियर डाक्टर्स फ्रंट की ओर से लिखे गए चार पन्नों के इस पत्र की प्रतियां उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी भेजी गई हैं।

गुरुवार को भेजे गए पत्र में लिखा है-'इस कठिन समय में आपका हस्तक्षेप हम सबके लिए प्रकाश की किरण की तरह होगा, जो हमें हमारे चारों ओर फैले अंधेरे से बाहर निकलने का रास्ता दिखाएगा। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को 35वें दिन में प्रवेश कर गई, वह चार दिनों से स्वास्थ्य भवन के सामने धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर और 33 दिन सड़क पर बैठेंगे।

कोलकाता पुलिस मुख्यालय तक किया मार्च

सीपी के इस्तीफे की मांग पर पुलिस मुख्यालय मार्च पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए वाममोर्चा ने शुक्रवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय तक मार्च किया। उन्होंने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग की। पुलिस ने उन्हें रोका तो वह वहीं प्रदर्शन करने लगे। धर्मतल्ला में धरना मंच पर भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डा इंद्रनील खान सहित कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने अपने खून से रेखाचित्र बनाकर पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए अपने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।

डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान 29 की मौत

मृतकों के स्वजन को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा सरकार का दावा है कि डॉक्टरों की हड़ताल के कारण राज्य में अब तक 29 लोगों की इलाज के बिना मौत हो चुकी है। अब मुख्यमंत्री ममता ने घोषणा की कि मृतकों के स्वजन को दो-दो लाख रुपये आर्थिक मदद दी जाएगी।

जूनियर डाक्टरों का दावा है कि बिना इलाज के किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। बैठक के सीधे प्रसारण पर छिड़ी बहसजूनियर डाक्टरों के साथ बैठक के सीधे प्रसारण पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तर्क पर बहस छिड़ गई है। मुख्यमंत्री ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए अदालत के निर्देशानुसार इसका सीधा प्रसारण नहीं हो सकता।

ममता के सीधे प्रसारण पर कोर्ट में बहस 

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जस्टिस अशोक कुमार गांगुली ने ममता के तर्क पर कहा कि यदि विचाराधीन मामलों पर चर्चा हो सकती है, उन्हें रिकार्ड किया जा सकता है तो सीधे प्रसारण पर आपत्ति क्यों होगी? कानून में ऐसी किसी बात का उल्लेख नहीं है। कांग्रेस नेता तथा पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी त्यागपत्र देने का नाटक कर रही हैं। वह अपना पद नहीं छोड़ेंगी। लगातार आंदोलन के कारण मुख्यमंत्री ने ध्यान भटकाने के लिए त्यागपत्र देने की बात कही है। उधर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने पटना में कहा कि ममता कानून व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही हैं उनको अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

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