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शारदा घोटाले में कोर्ट ने ईडी को लगाई तगड़ी फटका, जज ने पूछा- 11 साल बाद चार्जशीट क्यों दाखिल की?

ईडी का दावा है कि नलिनी ने शारदा समूह के मालिक व मुख्य आरोपित सुदीप्त सेन से 1.5 करोड़ रुपये लिए थे। इस संबंध में नलिनी ने कहा था कि उन्होंने वकील के तौर पर सलाह देने के बदले में ये पैसे लिए। ईडी का कहना है कि नलिनी को उस वक्त प्रोटेक्शन मनी के तौर पर पैसे दिए गए थे। उस समय उनके पति चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Fri, 05 Jul 2024 10:00 PM (IST)
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न्यायाधीश ने ईडी पर गुस्सा जाहिर किया। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल के बहुचर्चित शारदा चिटफंड घोटाले में शुक्रवार को कोलकाता के बैंकशॉल कोर्ट में 11 साल बाद तीसरी चार्जशीट दाखिल करने पर न्यायाधीश ने ईडी को फटकार लगाई। उन्होंने पूछा कि आखिर 11 साल बाद चार्जशीट क्यों दाखिल की गई? न्यायाधीश ने गुस्सा जाहिर करते हुए यह भी कहा कि वह कानूनी संगठन के प्रवक्ता नहीं हैं कि इसे देखना होगा। ईडी को पहले दस्तावेज पढ़ना चाहिए।

ईडी ने मामले से संबंधित दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत किए, लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया। केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक 65 पन्नों की चार्जशीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की वकील पत्नी नलिनी चिदंबरम पर कई आरोप लगाए गए हैं। 1,100 पन्ने के विभिन्न दस्तावेजी साक्ष्य भी संलग्न किए गए हैं। इसी को लेकर ईडी को कोर्ट में सवालों का सामना करना पड़ा।

प्रोटेक्शन मनी के तौर पर लिए थे 1.5 करोड़

ईडी का दावा है कि नलिनी ने शारदा समूह के मालिक व मुख्य आरोपित सुदीप्त सेन से 1.5 करोड़ रुपये लिए थे। इस संबंध में नलिनी ने कहा था कि उन्होंने वकील के तौर पर सलाह देने के बदले में ये पैसे लिए। ईडी का कहना है कि नलिनी को उस वक्त प्रोटेक्शन मनी के तौर पर पैसे दिए गए थे। उस समय उनके पति पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे। इस पर न्यायाधीश ने सवाल उठाया।

सलाहकार पैसे लेता है तो यह भ्रष्टाचार कैसे है?

उन्होंने कहा कि मुझे समझाएं कि अगर कोई कर सलाहकार पैसे लेता है तो यह भ्रष्टाचार कैसे है? अगर कोई अपराधी अपने अपराध का पैसा किसी वकील को देता है, तो क्या वह वकील भी मनी लॉड्रिंग का अपराधी बन जाता है? न्यायाधीश यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि इस तरह अराजकता पैदा की जा रही है। आपके कार्य सत्य नहीं हैं। ईडी ने चार्जशीट दाखिल की लेकिन कोर्ट में इसे स्वीकार नहीं किया गया। बाद में ईडी के वकील ने एक और तारीख का अनुरोध किया।

सभी सवालों के जवाब दिये जाएंगे

कहा कि उस दिन सभी सवालों के जवाब दिये जाएंगे। इससे पहले सारधा मामले में 34 आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया गया था। कई को तलब कर पूछताछ की गई है। नलिनी से पूछताछ नहीं की गई। नलिनी से ईडी को पूछताछ को लेकर कोर्ट से स्थगन मिल गया है।

क्या है सारधा चिटफंड घोटाला

वर्ष 2013 में शारदा चिटफंड घोटाला सामने आया था। यह राज्य का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला है। समूह ने बंगाल, असम और ओडिशा में हजारों निवेशकों से आकर्षक रिटर्न का प्रस्ताव देकर लगभग तीन हजार करोड़ रुपये जुटाए थे। जिसमें से अधिकांश रकम का भुगतान नहीं किया गया है। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई व ईडी इस घोटाले की जांच कर रही है।

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