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Kolkata Doctor Case: भाजपा और कांग्रेस ने बनाया ममता सरकार को घेरने का प्लान, हाई कोर्ट की भी मिली मंजूरी

Kolkata Doctor Case कोलकाता डॉक्टर दुष्कर्म-हत्याकांड के विरोध में भाजपा और कांग्रेस ममता सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे। पुलिस द्वारा प्रदर्शन की मंजूरी न मिलने के बाद दोनों विपक्षी दलों ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां से उन्हें हरी झंडी मिल गई है। जानिए विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा और कांग्रेस का क्या है प्लान।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 28 Aug 2024 04:48 PM (IST)
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भाजपा 29 अगस्त से 5 सितंबर तक कोलकाता के एस्प्लेनेड में धरना प्रदर्शन आयोजित करेगी। (File Image)

आईएएनएस, कोलकाता। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म-हत्याकांड घटना को लेकर विरोध कार्यक्रम करने के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों को कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से अनुमति मिल गई है। समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार भाजपा 29 अगस्त से 5 सितंबर तक कोलकाता के एस्प्लेनेड में धरना प्रदर्शन आयोजित करेगी।

पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भाजपा ने मंजूरी के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, अदालत ने कहा है कि धरना प्रदर्शन में 1 हजार से अधिक लोग नहीं होने चाहिए। इसी तरह, हाई कोर्ट ने अनुभवी कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और उनकी पार्टी के सहयोगी आशुतोष चट्टोपाध्याय की याचिका को मंजूरी दे दी, जिसमें इस जघन्य अपराध के विरोध में गुरुवार को कॉलेज स्क्वायर से श्यामबाजार तक विरोध रैली निकालने की अनुमति मांगी गई थी।

दोनों दलों ने किया हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत

हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा और कांग्रेस नेतृत्व ने कहा, 'यह एक आम बात हो गई है कि विपक्षी दलों द्वारा किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम के लिए पुलिस की अनुमति नहीं दी जाएगी। पार्टियां अदालत का रुख करती हैं जिसके बाद इसकी अनुमति दी जाती है।' दोनों दलों के नेतृत्व ने दावा किया कि ममता सरकार में विपक्षी दलों के लिए न्यूनतम सम्मान की कमी है।

कोलकाता दुष्कर्म-हत्याकांड के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस की ओर से पहली विरोध रैली निकाली जाएगी। हालांकि अधीर रंजन इस मामले पर शुरुआत से ही काफी मुखर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की राज्य इकाई आज तक सक्रिय रूप से सड़कों पर नहीं उतरी है। इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने अदालत के एक वकील संजय दास द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया था, जिसमें पश्चिम बंगाल में बीजेपी द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के आम हड़ताल का विरोध किया गया था।

याचिकाकर्ता पर लगाया जुर्माना

मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। भाजपा ने 'नबन्ना अभिजन' (बंगाल सचिवालय तक मार्च) रैली में भाग लेने वालों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। गौरतलब है कि युवाओं ने जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के विरोध में मंगलवार को नबन्ना रैली बुलाई थी।