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Kolkata Doctor Case: सामने आएगा संदीप घोष का सच, CBI को मिली पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति; चार डॉक्टरों की भी होगी जांच

Kolkata Doctor Rape-Murder Case आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा। साथ ही चार अन्य डॉक्टरों का भी टेस्ट कराया जाएगा। सीबीआई ने जांच की मांग के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जहां से उसे अनुमति मिल गई है। सीबीआई के अनुसार संदीप और डॉक्टरों के बयानों में विसंगतियां पाई गई थीं।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 22 Aug 2024 07:41 PM (IST)
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पॉलीग्राफ टेस्ट से डॉक्टरों के बयानों को सत्यापित करने में मिलेगी मदद।
एएनआई, कोलकाता। कोलकाता दुष्कर्म हत्याकांड मामले में सीबीआई को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और चार डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मिल गई है। इससे पहले गुरुवार को दिन में जांच एजेंसी ने टेस्ट की अनुमति के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सीबीआई के सूत्रों के हवाले से बताया कि कोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति दे दी है। एएनआई के अनुसार सीबीआई को पूछताछ के दौरान संदीप घोष और अन्य डॉक्टरों के बयान में विसंगतियां देखने को मिली थीं। एक सीबीआई अधिकारी ने एजेंसी से कहा था कि पॉलीग्राफ टेस्ट से उनके बयानों को सत्यापित करने और सबूतों की पुष्टि करने में मदद मिलेगी।

डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद, एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने अपनी 11 दिन लंबी हड़ताल वापस ले ली और गुरुवार से अपनी ड्यूटी पर वापस आ गए हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, 'देश के हित और सार्वजनिक सेवा की भावना में आरडीए, एम्स नई दिल्ली ने 11 दिन की हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है।'

बयान में कहा गया, 'सुप्रीम कोर्ट की अपील और निर्देश के जवाब में यह निर्णय लिया गया है। हम आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना का संज्ञान लेने और देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा के व्यापक मुद्दे को संबोधित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की हार्दिक सराहना करते हैं।'

सुप्रीम कोर्ट ने की थी अपील

इससे पहले कोर्ट ने कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों को काम पर लौटना होगा और एक बार जब वे अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करेंगे तो अदालत अधिकारियों पर उनके खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई नहीं करने के लिए दबाव डालेगी।

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