Kolkata Doctor Case: क्या डॉ. संदीप घोष का भी होगा पॉलीग्राफ टेस्ट?, CBI को दी गलत जानकारी
कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया है ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो। हम यह भी उम्मीद करते हैं कि 9 अगस्त और 14 अगस्त को टीएमसी के गुंडों द्वारा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में तोड़फोड़ करने की घटना के खिलाफ भी अगली सुनवाई में कार्रवाई की जानी चाहिए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता की प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में सीबीआई आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का भी पॉलीग्राफ टेस्ट कराने पर विचार कर रही है। सीबीआई का कहना है कि डा. घोष गलत जानकारी दे रहे हैं। उनके बयान में तमाम विसंगतियां हैं। इसीलिए पॉलीग्राफ टेस्ट जरूरी है।
पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए कोर्ट से मिली अनुमति
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसी इसके लिए कोर्ट में आवेदन कर सकती है। पॉलीग्राफ वह मशीन है, जिससे झूठ पकड़ा जाता है। बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी को पहले से गिरफ्तार सिविक वालंटियर का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए सियालदह कोर्ट से अनुमति मिल गई है। वहीं मंगलवार को भी केंद्रीय एजेंसी डा. घोष से पूछताछ की है। चार दिनों में उनसे करीब 50 घंटे पूछताछ हुई है।
पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज
वहीं दूसरी तरफ पीडि़ता का नाम उजागर करने के आरोप में डा. संदीप घोष के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक संदीप को घटना के बारे में नौ अगस्त की सुबह करीब 10:15 बजे अस्पताल के एक डॉक्टर से पता चला। लगभग पांच घंटे बाद दोपहर करीब तीन बजे उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई।सार्वजनिक तौर पर पीड़िता का नाम लिया
कथित तौर पर इसके बाद संदीप ने सार्वजनिक तौर पर पीड़िता का नाम लिया। जांचकर्ताओं का यह भी दावा है कि उस रात ड्यूटी पर मौजूद सीनियर और जूनियर डॉक्टरों, नर्सों और सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ के बाद भी कुछ विरोधाभासी जानकारी सामने आ रही है। जांचकर्ताओं को लगता है कि जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के साथ अन्य आधिकारिक नर्सों और सुरक्षा गार्डों के मोबाइल फोन रिकॉर्ड एकत्र करना भी महत्वपूर्ण है।
टास्क फोर्स का गठन
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया है। इसपर पश्चिम बंगाल के एलओपी सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के इस कदम का स्वागत करता हूं।सुप्रीम कोर्ट का क्रांतिकारी फैसला
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह बहुत सकारात्मक कदम है कि सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट एक क्रांतिकारी फैसला लेगा। हमें पश्चिम बंगाल और देश में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। बंगाल के लोगों को उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।
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