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Kolkata Doctor Case: 'प्रभावशाली नेता' ने बनाया पीड़िता के माता-पिता पर दबाव, क्या है वीडियो की सच्चाई? CBI जांच में खुलासा

Kolkata Doctor Rape-Murder Case कोलकाता डॉक्टर दुष्कर्म-हत्याकांड मामले में रोज नई परतें खुल रही हैं जिसके बाद केस और पेचीदा होता जा रहा है। अब सीबीआई को जांच में एक प्रभावशाली नेता की भूमिका के बारे में भी पता चला है। सूत्रों के अनुसार इसी नेता ने पीड़िता के माता-पिता पर दबाव डालकर वीडियो बनवाया था। जानिए क्या है पूरा मामला।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 07 Sep 2024 07:29 PM (IST)
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मृतका के माता-पिता ने कहा था कि ऐसा कहने के लिए उन्हें बाध्य किया गया था। (File Image)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर के माता-पिता को पुलिस की ओर से रुपये की पेशकश की बात से इन्कार करने का जो वीडियो सामने आया है, उसके पीछे एक प्रभावशाली नेता का हाथ बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई को जांच में पता चला है कि वह वीडियो उसी ने अपने मोबाइल फोन से तैयार किया था।

वीडियो में एक पुरूष की आवाज सुनाई दे रही है, जो मृतका के माता-पिता से पूछ रहा है-'इस तरह की बातें कही जा रही है कि मामले को दबाने के लिए आपको पुलिस की ओर से रुपये की पेशकश की गई थी।' इस पर दोनों इससे इन्कार करते हैं। यह वीडियो बंगाल की महिला व बाल कल्याण मंत्री डॉ. शशि पांजा संवाददाता सम्मेलन कर मीडिया के सामने लाई थी, जिसके तुरंत बाद मृतका के माता-पिता ने स्पष्ट किया था कि उन्हें ऐसा कहने के लिए बाध्य किया गया था।

मृतका के काकू के तौर पर दिया परिचय

उसके बाद से प्रश्न उठ रहा है कि वीडियो में प्रश्न पूछने वाला व्यक्ति कौन है। इस बारे में मृतका के माता-पिता से पूछने पर उन्होंने जांच का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें जो कहना है, सीबीआई को कहेंगे। सूत्रों से खबर है कि वीडियो बनाने वाला स्थानीय एक प्रभावशाली नेता है। उसने अपना परिचय मृतका के काकू (चाचा) के तौर पर दिया था।

श्मशान घाट पर दाह संस्कार की सारी औपचारिकताएं उसी ने पूरी कर हस्ताक्षर किए थे। यहीं नहीं, थाने में मृतका के माता-पिता की ओर से जो शिकायत दर्ज कराई गई थी, वह भी उसी ने अपने हाथों से लिखी थी। उसमें उसने पीड़ित परिवार के न्याय को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विश्वास होने की बात भी कही थी। पता चला है कि उक्त नेता पहले वाममोर्चा में थे। बाद में दूसरी पार्टी में शामिल हो गए।

अस्पताल में हर महीने होता था सात-आठ करोड़ का घोटाला

आरजी कर अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले की जांच में सीबीआई को पता चला है कि वहां हर महीने सिर्फ बेड, दवाओं व चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद के नाम पर सात-आठ करोड़ का घोटाला होता था। उनकी खरीद की नकली रसीद जमा कराई जाती थी। सामान का मूल्य भी बहुत ज्यादा दिखाया जाता था।

यह भी सामने आया है कि पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के करीबी डॉ. अभिक ने अस्पताल के विश्राम गृह का अपने कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल करता था। स्वास्थ्य विभाग डॉ. अभिक को निलंबित कर चुका है। इस बीच वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल की ओर से डॉ. घोष को उनपर लगे समस्त आरोपों को लेकर कारण बताओ नोटिस भेजा गया है।

रजिस्ट्रेशन रद्द करने की चेतावनी

तीन दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर संदीप घोष का रजिस्ट्रेशन रद्द कर देने की चेतावनी दी गई है। वहीं सीबीआई को कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में डॉ. घोष के दो और आलीशान फ्लैट का पता चला है।