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'जमीन पर 100 साल तक कब्जा करने से उस पर अधिकार नहीं हो जाता', कोलकाता हाई कोर्ट का अहम फैसला

पुलिस जब अवैध निर्माण हटाने पहुंची थी तब उसे स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। अवैध निर्माण से जुड़े लोगों ने एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा था कि वर्षों से वहां पर निर्माण है। इसपर मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम व न्यायाधीश हिरणमय की खंडपीठ ने कहा कि किसी जमीन पर 100 साल तक कब्जा करके रखने से उसपर अधिकार नहीं हो जाता।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Sat, 29 Jun 2024 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jun 2024 11:00 PM (IST)
पुलिस को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जे से जुड़े एक मामले में कहा कि किसी जमीन पर 100 साल तक अवैध तरीके से कब्जा करके रखने से उसपर अधिकार नहीं हो जाता।

मामला कोलकाता के माजेरहाट इलाके में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जे से जुड़ा है। इसे लेकर हाई कोर्ट में मामला दायर किया गया था। न्यायाधीश अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने उक्त जमीन से अवैध निर्माण को हटाने का निर्देश दिया था।

पुलिस को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा

पुलिस जब अवैध निर्माण हटाने पहुंची थी, तब उसे स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। अवैध निर्माण से जुड़े लोगों ने एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ में चुनौती देते हुए कहा था कि वर्षों से वहां पर निर्माण है।

जमीन पर 100 साल तक कब्जा करने से उसपर अधिकार नहीं होता

इसपर मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि किसी जमीन पर 100 साल तक कब्जा करके रखने से उसपर अधिकार नहीं हो जाता। खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार व कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट को हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

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