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'दुर्लभ से दुर्लभतम मामला', मासूम संग रेप और हत्या से जज भी हैरान, 18 महीने के अंदर दी दोषी को सजा

कोलकाता में सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या करने वाले दोषी को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे दुर्लभ से दुर्लभतम मामला बताया है। कोर्ट ने 18 महीने के भीतर ही अपना फैसला सुनाया है। बच्ची के परिजनों ने शिकायत की थी कि सुबह वह पहली मंजिल से नीचे गई थी। इसके बाद से वह लापता थी।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Thu, 26 Sep 2024 05:57 PM (IST)
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रेप और हत्या के दोषी को मौत की सजा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में अदालत ने दोषी को सजा सुनाई है। अलीपुर पोक्सो कोर्ट ने दोषी आलोक कुमार साव को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने ये फैसला 18 महीने के भीतर सुनाया है।

पिछले साल की है घटना

बता दें कि यह घटना 26 मार्च 2023 में हुई थी। बच्ची के परिजनों ने शिकायत की थी कि सुबह वह पहली मंजिल से नीचे गई थी। इसके बाद से वह लापता थी। काफी तलाश के बाद जब उसका पता नहीं चला तो परिजन शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे। आरोप है कि पुलिस शिकायत लेने में आनाकानी कर रही थी। इससे स्थानीय निवासी नाराज हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। बाद में दबाव में आकर पुलिस ने कार्रवाई की। इसी दौरान तिलजला थाने के थानेदार का भी तबादला कर दिया गया।

दोषी के रसोई में मिली थी बच्ची

मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने बच्ची की तलाश शुरू कर दी थी, लेकिन कहीं उसका सुराग नहीं लगा। अंत में पड़ोस में ही रहने वाले आलोक कुमार साव नामक व्यक्ति पर संदेह हुआ। पुलिस ने उसके घर की तलाशी और उससे पूछताछ की। उसकी बातों में कई विसंगतियां पाकर पुलिस ने और सख्ती की और तलाश तेज कर दी। इसके बाद बच्ची रसोई घर में गैस सिलेंडर के बगल में बोरे में मिली। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जांच में हुए कई खुलासे

पुलिस ने मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाई। जांच के दौरान पता चला कि आलोक कुमार ने ही बच्ची को अपने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी। हालांकि, शुरू में यह माना गया था कि तंत्रसाधना के कारण हत्या की गई है, लेकिन बाद में पुलिस ने स्पष्ट किया कि घटना का कारण दुष्कर्म था।

45 गवाह थे शामिल

पुलिस ने आलोक को मुख्य आरोपित बनाते हुए तीन माह के अंदर ही प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट (पोक्सो) में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इस मामले में कुल 45 गवाह थे। अलीपुर पोक्सो अदालत के न्यायाधीश ने बुधवार को उसे दोषी पाया और गुरुवार को उसे मौत की सजा सुनाई। कोर्ट ने इसे 'रेयरेस्ट आफ द रेयर' केस करार दिया है।

जज ने कहा- दुर्लभ से दुर्लभतम मामला

जज ने टिप्पणी की कि यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है। सरकारी वकील माधवी घोष मैती ने कहा कि वह बच्ची थी। उसका खेलने की उम्र थी। उसकी हत्या बहुत ही क्रूर तरीके से की गई। उसका मुंह दबाकर कमरे में ले जाया गया। वहां दुष्कर्म किया। लड़की ने अदम्य साहस दिखाते हुए दुष्कर्मी के हाथ पर दांत से काटा था, लेकिन वह खुद को नहीं बचा सकी।