RG कर हॉस्पिटल का विवादों से पुराना नाता... देह व्यपार से लेकर सुसाइड और मौत का चलता रहा खेल, पढ़ें Inside Story
आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में बवाल मचा हुआ है। लेकिन ये पहली बार नहीं है कि कॉलेज में ऐसी मौत हुई हो इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। एक घटना में 25 अगस्त 2001 को सौमित्र बिश्वास नामक चौथे साल के मेडिकल छात्र को छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका पाया गया था।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। जूनियर महिला डाक्टर से दरिंदगी की घटना को लेकर कोलकाता का आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल इस समय देशभर में चर्चा में है, हालांकि यह पहली बार नहीं है जब बंगाल सरकार द्वारा संचालित इस अस्पताल में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हुई है। इसकी एक लंबी फेहरिस्त है।
कभी मेडिकल छात्रों, कभी प्रोफेसरों तो कभी हाउस स्टाफ की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। अस्पताल की आड़ में देह व्यापार चलने का भी आरोप लग चुका है। वहां मादक पदार्थों के तस्कर भी सक्रिय बताए जाते हैं।
घटनाएं ही घटनाएं
25 अगस्त, 2001 को सौमित्र बिश्वास नामक चौथे साल के मेडिकल छात्र को आरजी कर मेडिकल कालेज के छात्रावास के कमरे में फंदे से लटका पाया गया था। उस घटना को भी पहले अस्पताल के अधिकारियों ने आत्महत्या करार दिया था लेकिन मृतक के स्वजनों व सहपाठियों ने संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि छात्रावास में अश्लील रैकेट चल रोहा है। कमरों में उन्हें फिल्माया जाता है।शवों के साथ की गई घिनौनी हरकत
शवों के साथ सेक्स करने जैसी घिनौनी हरकत भी इसमें शामिल है। सौमित्र इन काली गतिविधियों का पर्दाफाश करना चाहता था इसलिए उसे मार डाला गया। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की सीआईडी जांच का आदेश दिया था। इस मामले में अरोमिता दास और अमित बाला नामक मृतक के दो सहपाठियों को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि मामला अनसुलझा रहा।
5 फरवरी, 2003 को अस्पताल के हाउस स्टाफ अरिजीत दत्ता ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने दावा किया था कि अरिजीत ने पहले अपने हाथ में एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया, फिर ब्लेड से कलाई की नस काट ली और उसके बाद छात्रावास की छत से कूद गया। बीरभूम जिले के सिउड़ी इलाके के रहने वाले 24 वर्षीय अरिजीत की मौत अभी भी रहस्य में डूबी हुई है। पुलिस को सुसाइड नोट या ऐसी कोई वजह नहीं मिली, जिससे साफ हो कि अरिजीत ने आत्महत्या क्यों की।
देर रात कलाई की नसें काटकर की आत्महत्या
पुलिस ने अनुमान जताया था कि इसके पीछे असफल प्रेम का मामला हो सकता है। कुछ दिनों बाद इस घटना पर भी पर्दा डाल दिया गया। इस घटना के कुछ ही दिन बाद आरजी कर के चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र प्रवीण गुप्ता ने 16 फरवरी को आत्महत्या का प्रयास किया। मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला प्रवीण कोलकाता के मानिकतल्ला इलाके में स्थित लाल मोहन हास्टल में रह रहा था। देर रात उसने अपने दोनों कलाई की नसें काटकर आत्महत्या की कोशिश की।
पुलिस ने कहा कि उसने अपनी प्रेमिका को सुसाइड नोट लिखा था। प्रेम में असफलता ने उसे अवसादग्रस्त कर दिया था इसलिए उसने यह कदम उठाया, जबकि प्रवीण के सहपाठियों और रूम मेट्स के अनुसार वह अवसाद से पीडि़त नहीं था। प्रवीण के पिता ने बताया कि उनका बेटा किसी बात को लेकर परेशान था, हालांकि उन्होंने इसे सार्वजनिक नहीं किया। यह घटना भी लोगों की याददाश्त से मिट गई है।
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