Kolkata Doctor Case: क्या अस्पताल की काली करतूतों के बारे में लिखती थी पीड़िता? CBI के हाथ लगी पर्सनल डायरी; पिता ने बताई पूरी कहानी
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार कोलकाता की एक डॉक्टर के पिता ने न्याय दिलाने में विफल रहने के लिए सीएम ममता बनर्जी की आलोचना की। उन्होंने कॉलेज और अधिकारियों की मिलीभगत का संकेत दिया है। मृत डाक्टर के पिता ने यहां तक दावा किया कि जब वे लोग शमशान घाट पहुंचे तो पहले से तीन शव कतार में थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में कथित दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु महिला डाक्टर के पिता ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पिछले सप्ताह उनकी बेटी के साथ हुई दरिंदगी के मामले में दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है।
कोलकाता में रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए पीडि़ता के पिता ने कहा कि मुख्यमंत्री मेरी बेटी के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर घूम-घूम कर लंबी-लंबी बातें करती हैं। वहीं दूसरी तरफ वह इस घटना के खिलाफ जनता के गुस्से को दबाने का प्रयास करती हैं। वह दोहरापन क्यों अपना रही हैं? क्या वह लोगों से डरती हैं? हमारे पास ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब चाहिए। बता दें कि नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हाल से प्रशिक्षु डाक्टर का शव मिला था। उसके शरीर के कई जगहों पर गंभीर चोट के निशान थे।
24 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू
दरअसल, कोलकाता पुलिस ने सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के पास रविवार 18 अगस्त से 24 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू की है, जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के एकसाथ होने और सभा करने पर प्रतिबंध होगा।#WATCH | Kolkata's RG Kar Medical College and Hospital rape-death case: Father of deceased doctor breaks down as he speaks about the horrific incident
— ANI (@ANI) August 18, 2024
Mother of the deceased doctor says, "Through you, we want to give a message to the people of the whole country. We are grateful… pic.twitter.com/T95KwgMzXW
अपनी लड़कियों की सुरक्षा के बारे में सोचें
इस बीच पीड़िता की मां ने खासकर कन्याश्री और लक्ष्मी भंडार जैसी सरकारी जनकल्याण योजनाओं का लाभ उठाने वालों को आगाह किया कि उन्हें इस तरह के लाभ लेने से पहले अपनी लड़कियों की सुरक्षा के बारे में दो बार सोचना चाहिए।
मृतका की मां ने कहा कि उन्हें इस मामले में ममता बनर्जी की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला। उन्होंने न्याय की अपनी मांग भी दोहराई और कहा कि तभी वह राज्य सरकार से वित्तीय मुआवजा स्वीकार करेंगी। उन्होंने इस मामले में ममता बनर्जी की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मामले को रफा-दफा करना चाहती थीं। मामला जितनी जल्द निपट जाए। इसीलिए उनकी पुत्री के शव आनन-फानन जला दिया गया।
मृत डाक्टर के पिता ने यहां तक दावा किया कि जब वे लोग शमशान घाट पहुंचे तो पहले से तीन शव कतार में थे, लेकिन उनकी पुत्री के शव को पहले जला दिया गया। उन्होंने संदेह जताया कि उनकी पुत्री की हत्या के पीछे अस्पताल का गिरोह शामिल है।
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