Lok Sabha Elections 2024: बंगाल में बीजेपी उम्मीदवार ने नामांकन रद्द होने को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, याचिका पर अदालत ने दिया यह जवाब
पुलिस अफसर के पद से इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए राजनीति में आए पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर का नामांकन चुनाव आयोग ने तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया है। नामांकन रद्द होने के खिलाफ पूर्व आईपीएस अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोमवार को देबाशीष की ओर से उनके वकील निधेश गुप्ता ने शीर्ष अदालत में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पुलिस अफसर के पद से इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए राजनीति में आए पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर का नामांकन चुनाव आयोग ने तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया है। नामांकन रद्द होने के खिलाफ पूर्व आईपीएस अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोमवार को देबाशीष की ओर से उनके वकील निधेश गुप्ता ने शीर्ष अदालत में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
शीर्ष न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई को सहमति दे दी है। लेकिन, तत्काल सुनवाई को लेकर मामले को सुचिबद्ध करने का विचार मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ करेंगे। देबाशीष ने पिछले मंगलवार को बीरभूम निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था, लेकिन शुक्रवार को उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
भाजपा का कहना है कि जानबूझ कर ममता सरकार की ओर से नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं देने के कारण देबाशीष का नामांकन रद्द किया गया है। बीरभूम में नामांकन वापस लेने का सोमवार को आखिरी दिन था, इसलिए देबाशीष ने कोर्ट से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया था, जब उनके वकील ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया तो मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि मैंने ईमेल (तत्काल सुनवाई के अनुरोध के संबंध में) देखा है।
इससे पहले शुक्रवार को देबाशीष ने नामांकन रद्द करने के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ में तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उस पीठ ने भी देबाशीष की याचिका खारिज कर दी। उसी दिन चीफ जस्टिस शिवगणनम ने कहा था कि इस मामले को स्वीकार नहीं किया जा सकता है, चुनाव याचिका दाखिल करनी होगी।
चुनाव याचिका दाखिल पर सोमवार या मंगलवार को सुनवाई हो सकती है, लेकिन आज सुनवाई संभव नहीं है। बताते चलें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले मंगलवार को बीरभूम में चुनाव प्रचार के दौरान सभा से देवाशीष को चेतावनी दी थी। ममता ने सभा में कहा कि उनकी सरकार ने अभी तक पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर को 'मंजूरी' नहीं दी है। हालांकि, इसके बाद भाजपा राज्य नेतृत्व ने अपने पुराने कार्यकर्ता देबतनु भट्टाचार्य को प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करा दिया था।
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