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Bengal News: महुआ ने चुनाव आयोग को पत्र लिख CBI की करदी शिकायत, एजेंसियों पर दिशानिर्देश जारी करने की मांग

तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी की कार्रवाई के अगले दिन रविवार को केंद्रीय चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। सीबीआई ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में शनिवार को कोलकाता सहित कई स्थानों पर मोइत्रा के परिसरों में तलाशी ली थी। इसके पहले सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sun, 24 Mar 2024 08:41 PM (IST)
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महुआ ने चुनाव आयोग को पत्र लिख CBI की शिकायत की। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी की कार्रवाई के अगले दिन रविवार को केंद्रीय चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। सीबीआई ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में शनिवार को कोलकाता सहित कई स्थानों पर मोइत्रा के परिसरों में तलाशी ली थी।

इसके पहले सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव में कृष्णानगर से तृणमूल की उम्मीदवार महुआ ने आयोग को लिखे पत्र में अपने आवास व अन्य ठिकानों पर सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी को अवैध व गैर कानूनी बताया है।

सीबीआई चुनाव प्रचार में बाधा डालने का प्रयास कर रही

महुआ ने आरोप लगाया कि सीबीआई उन्हें परेशान कर रही है और उनके चुनाव प्रचार में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास कर रही है। हाल में लोकपाल ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है। महुआ ने दावा किया कि मेरे चार ठिकानों पर तलाशी के दौरान सीबीआई को कुछ भी हाथ नहीं लगा और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

सीबीआई का उद्देश्य नकारात्मक धारणा बनवाना

पत्र में जोर देकर कहा कि सीबीआई जांच का एकमात्र उद्देश्य उनके चुनाव प्रचार अभियान में बाधा डालना और लोगों में मेरे बारे में नकारात्मक धारणा बनवाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई ने कार्रवाई के लिए जो टाइमिंग चुनी, उससे पता चलता है कि जांच एजेंसी राजनीतिक इशारों पर नाच रही है।

चुनाव आयोग जांच एजेंसियों पर दिशानिर्देश जारी करे

उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए तुरंत दिशानिर्देश जारी करें। इससे पहले महुआ के परिसरों पर छापेमारी को तृणमूल ने भी प्रतिशोध की राजनीति बताया। उल्लेखनीय है कि संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में महुआ को पिछले साल आठ दिसंबर को संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था।

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