Sandeshkhali Violence: डैमेज कंट्रोल में जुटी ममता सरकार, जन कल्याणकारी योजनाओं का दायरा बढ़ाने पर दिया जा रहा विशेष जोर
बंगाल की ममता सरकार तनावग्रस्त संदेशखाली में डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। इस बाबत वहां जन कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। लक्ष्मी भंडार व स्वास्थ्य साथी जैसी योजनाओं का दायरा बढ़ाने की पहल की जा रही है यानी वहां के जिन लोगों को अब तक इन योजनाओं का लाभ नही मिल पाया है उनके नाम पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की ममता सरकार तनावग्रस्त संदेशखाली में 'डैमेज कंट्रोल' में जुट गई है। इस बाबत वहां जन कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। 'लक्ष्मी भंडार' व 'स्वास्थ्य साथी' जैसी योजनाओं का दायरा बढ़ाने की पहल की जा रही है यानी वहां के जिन लोगों को अब तक इन योजनाओं का लाभ नही मिल पाया है, उनके नाम पंजीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच हुई बैठक
मालूम हो कि संदेशखाली की महिलाओं के एक वर्ग ने स्थानीय तृणमूल नेताओं पर उनका यौन उत्पीड़न करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके प्रतिवाद में वे पिछले कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। सूत्रों ने बताया कि जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई है।
संदेशखाली-1 ब्लाक में आठ पंचायतें हैं। वहां 47 हजार परिवार वास करते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 23,721 परिवारों का स्वास्थ्य साथी कार्ड बना है। इसी तरह लक्ष्मी भंडार के तहत आर्थिक सहायता पाने वाली महिलाओं की संख्या 40,172 है।
लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने की भी तैयारी
संदेशखाली में मछुआरों की भी एक बड़ी आबादी वास करती है, जिन्हें सरकार की ओर से सरकारी कार्ड प्रदान किया जाता है, जिससे उन्हें कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। 60 साल की उम्र पार करने पर पेंशन भी मिलता है। मात्र 10 प्रतिशत मछुआरों के पास ही वर्तमान में यह कार्ड है। इसके लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने की भी तैयारी की जा रही है।
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