ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को फिर लिखा पत्र, डीवीसी की शिकायत करते हुए लगाया बड़ा आरोप
Mamata Banerjee letter to PM ममता ने दावा किया कि डीवीसी द्वारा एकतरफा पानी छोड़ने के परिणाम स्वरुप दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ से भयावाह स्थिति उत्पन्न हो गई है और व्यापक तबाही हुई है। ममता ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण निर्णय केंद्रीय जल आयोग जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा राज्य की सहमति के बिना एकतरफा लिए जाते हैं।
जेएनएन, कोलकाता। Mamata Banerjee letter to PM बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीन दिनों के भीतर दूसरी बार पत्र लिखा है, जिसमें आरोप लगाया है कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने राज्य सरकार से सलाह लिए बिना अपने बांधों से एकतरफा पानी छोड़ा, जिससे कई जिले जलमग्न हो गए हैं।
ममता ने दावा किया कि डीवीसी द्वारा एकतरफा पानी छोड़ने के परिणाम स्वरुप दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ से भयावाह स्थिति उत्पन्न हो गई है और व्यापक तबाही हुई है। ममता द्वारा प्रधानमंत्री को शुक्रवार को लिखे गए पहले पत्र का जवाब देते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा था कि राज्य के अधिकारियों को डीवीसी बांधों से पानी छोड़े जाने के बारे में हर स्तर पर सूचित किया गया था, जो किसी बड़ी आपदा को रोकने के लिए आवश्यक था।
दूसरे पत्र में क्या लिखा?
ममता ने शनिवार मोदी को लिखे दूसरे पत्र में कहा, माननीय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का दावा है कि डीवीसी बांधों से पानी छोड़ने का निर्णय बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श सहित दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति के साथ आम सहमति और सहयोग से किया गया था, मैं इससे असहमत हूं। उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण निर्णय केंद्रीय जल आयोग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा राज्य की सहमति के बिना एकतरफा लिए जाते हैं।बड़ा दावा भी किया
ममता ने दावा किया कि कभी-कभी राज्य सरकार को बिना किसी सूचना के पानी छोड़ दिया जाता है और उनकी सरकार के विचारों का सम्मान नहीं किया जाता।पत्र में उन्होंने कहा, इसके अलावा जलाशयों से अधिकतम नौ घंटे तक पानी छोड़ा गया, जो केवल 3.5 घंटे की सूचना पर किया गया, जो प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए अपर्याप्त साबित हुआ। ममता की तरफ से यह पत्र रविवार को सार्वजनिक किया गया।
इसके पहले 20 सितंबर, शुक्रवार को पीएम मोदी को लिखे पत्र में उन्होंने दावा किया था कि राज्य में 50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और उन्होंने इस तबाही से निपटने के लिए तत्काल केंद्रीय निधि जारी करने का भी आग्रह किया था। ममता ने पत्र में डीवीसी के साथ सभी समझौतों को तोड़ने की भी चेतावनी दी थी।
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