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ममता ने की घोषणा- देवचा पचामी कोयला परियोजना के लिए जमीन देने वालों को नौकरी देगी बंगाल सरकार

घर या जमीन देने वाले हर परिवार के एक सदस्य को पुलिस बल में मिलेगी नौकरी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवचा पचामी कोयला ब्लाक परियोजना के लिए अपना घर या जमीन देने वाले हर परिवार के एक सदस्य को पुलिस बल में नौकरी मिलेगी।

By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 01 Feb 2022 12:16 PM (IST)
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तृणमूल प्रमुख बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के बीरभूम जिले में देवचा पचामी कोयला खदान परियोजना के लिए जमीन देने वालों को राज्य की ममता बनर्जी सरकार नौकरी देगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी घोषणा की है। राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की बैठक के बाद सोमवार शाम मुख्यमंत्री ने कहा कि देवचा पचामी कोयला ब्लाक परियोजना के लिए अपना घर या जमीन देने वाले हर परिवार के एक सदस्य को पुलिस बल में नौकरी मिलेगी। उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार जूनियर कांस्टेबल या सीनियर कांस्टेबल की नौकरी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 139 लोग इस परियोजना के लिए जमीन देने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकार की भी अपनी जमीन है। पहले सरकार अपनी जमीन पर काम शुरू करेगी। राज्य सरकार के पास करीब 1000 एकड़ जमीन है। उन्होंने कहा कि हम पहले ही भर्ती के लिए 5,100 पदों को मंजूरी दे चुके हैं। कम से कम 139 ग्रामीण इस परियोजना के लिए अब तक अपनी भूमि देने के लिए सहमत हुए हैं। ममता ने वादा किया कि जमीन देने वाले प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलेगी।मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि इस परियोजना से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

प्रभावित होने वाले लोगों के लिए 10 हजार करोड़ के मुआवजा पैकेज की भी घोषणा की थी

बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल नौ नवंबर को देवचा-पचामी कोयला खदान परियोजना के कारण विस्थापित या प्रभावित होने वाले लोगों के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के मुआवजा पैकेज की भी घोषणा मंगलवार की थी। दरअसल, कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला ब्लाक ‘देवचा पचामी हरिसिंघा दीवानगंज’ पश्चिम बंगाल को आवंटित किया था। ममता ने विधानसभा में कहा था, हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो सिंगूर में हुआ (कार परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण।) हम एक सरकारी जमीन पर परियोजना की शुरुआत करेंगे। हमारी सरकार जनता के लिए है। हम बलपूर्वक काम करने में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा था कि इस खनन परियोजना से बीरभूम और पड़ोसी जिलों में एक लाख रोजगार पैदा हो सकते हैं।

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए कई फैसले

इधर, राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। राज्य सरकार वेस्ट बंगाल स्टूडेंट इंटर्नशिप स्कीम के तहत स्नातक के छात्रों को इंटर्न के तौर पर नियुक्ति करेगी। हर साल 6,000 छात्रों की भर्ती की जाएगी। उन्हें भत्ता भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र 5000 रुपये के पारिश्रमिक पर सरकारी कार्यालयों में इंटर्नशिप कर सकते हैं। आइटीआइ और पालिटेक्निक के छात्रों को भी मौका मिलेगा। इस योजना के लिए 40 की उम्र तक अप्लाई कर सकते हैं। इंटर्नशिप की अवधि एक साल की होगी। हालांकि यदि अच्छा करते हैं तो इंटर्नशिप की अवधि बढ़ जाएगी। इंटर्नशिप के दौरान राज्य में विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े कार्यों आदि का जायजा लेने के लिए इन छात्रों से काम लिया जाएगा। इंटर्नशिप के बाद संबंधित छात्रों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इससे सरकारी नौकरियों में भी उन्हें छूट मिलेगी। स्नातक में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र इंटर्नशिप योजना के लिए आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

स्कूलों में जय हिंद वाहिनी का भी होगा गठन

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में अब जय हिंद वाहिनी का गठन किया जाएगा। कैबिनेट से इसकी मंजूरी दे दी गई है। आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में उनके आदर्श के तहत इसका गठन किया जाएगा। चार जोन में यह वाहिनी जंगलमहल, सिलीगुड़ी, कोलकाता तथा बैरकपुर में होगी। 

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