Kolkata: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़, अचानक परिसर में घुसी भीड़; फैला तनाव
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आधी रात कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की। आरजी कर अस्पताल के निकट पुलिस बैरिकेड तोड़कर कर भीड़ परिसर में घुस गई। कुछ लोगों ने कुर्सियां और बोर्ड तोड़ दिए। यह घटना तब हुई जब जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए बड़ी संख्या में महिलाएं कोलकाता की सड़कों प्रदर्शन कर रही थीं।
एएनआई, कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में आधी रात कुछ लोगों ने अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की। आरजी कर अस्पताल के निकट पुलिस बैरिकेड तोड़कर कर भीड़ परिसर में घुस गई। कुछ लोगों ने कुर्सियां और बोर्ड तोड़ दिए। यह घटना तब हुई जब जूनियर डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए बड़ी संख्या में महिलाएं कोलकाता की सड़कों प्रदर्शन कर रही थीं।
30-40 युवक अंदर घुसकर तोड़फोड़ की
पुलिस ने बताया कि 30-40 युवक अंदर घुसकर तोड़फोड़ की है। तोड़फोड़ करने वाले ये लोग कौन है इसका पता नहीं चल सका है। बड़ी बात यह है कि पुलिस के सामने ही तोड़फोड़ होती रही। इस पर अब प्रश्न यह उठने लगा है कि क्या महिलाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए तो सुनियोजित घटना तो नहीं है। साथ ही भीड़ ने धरना मंच भी तोड़ दिया गया ।
मीडियाकर्मियों पर किया गया हमला
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अस्पताल परिसर में तैनात पुलिस मूकदर्शक बनी रही, उपद्रवियों के समूह ने आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की। हिंसक भीड़ ने कथित तौर पर अस्पताल में मौजूद मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया, उनके कैमरे क्षतिग्रस्त कर दिए। अस्पताल परिसर के बाहर 'मिडनाइट प्रोटेस्ट मार्च' में भाग लेने वालों के मंच को भी तोड़ दिया गया।हमलावरों ने पथराव किया
पुलिस जब कार्रवाई के लिए आगे बढ़ी तो हमलावरों ने पथराव शुरू कर दिया , जिसमें कुछ पुलिस कर्मी जख्मी भी हुए हैं। स्थिति ऐसी हो गई थी कि रैफ उतारना पड़ा। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए कोलकाता पुलिस के आयुक्त विनीत गोयल भी मौके पर पहुंचे।
कोलकाता पुलिस के आयुक्त विनीत गोयल ने कही ये बात
कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल ने कहा कि यहां जो कुछ हुआ है वह गलत मीडिया अभियान के कारण हुआ है... कोलकाता पुलिस ने क्या नहीं किया है? इस मामले में उन्होंने सब कुछ किया है... मेरे हर अफसर ने सबूत इकट्ठा करने के लिए दिन-रात काम किया है, मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं... लोग अफवाहें फैला रहे हैं... हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। इस दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान के कारण कोलकाता पुलिस ने लोगों का विश्वास खो दिया है... हमने कहा कि हम वैज्ञानिक साक्ष्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसमें समय लगता है... मीडिया की ओर से बहुत दबाव है... मेरी टीम की ओर से सब कुछ सही किया गया है... हम पीड़ित परिवार और हर किसी के साथ पारदर्शी रहे हैं।प्रत्यक्षदर्शियों बोले- भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रशिक्षु डॉक्टर हसन मुश्ताक कहते हैं कि हमें रात 11 बजे विरोध मार्च के लिए निकलना था (प्रदर्शन स्थल से)। लेकिन, परिसर के बाहर लोगों का एक बहुत बड़ा समूह था जो प्रदर्शन कर रहा था। वे नारे लगा रहे थे - 'हमें न्याय चाहिए', लेकिन वे आगे नहीं बढ़ रहे थे... भीड़ उग्र हो गई और वे परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। अचानक, वे आए और तोड़फोड़ करने लगे। हमने अपनी महिला टीम को पहले ही जाने के लिए कह दिया था और जैसे ही वे गए, भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए और अंदर घुस गई और हमें अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। भले ही हम सब कुछ शांतिपूर्वक कर रहे थे, लेकिन वे बाहर से आए और उन्होंने यह किया।
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