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Mulayam Singh Yadev: मुलायम सिंह यादव का बंगाल से था गहरा नाता, ज्योति बसु के थे बेहद करीब

Mulayam Singh Yadev नेताजी का संबंध बंगाल से बेहद प्रगाढ़ था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के दिग्गज नेता ज्योति बसु के साथ उनके संबंधों को याद करते हुए नंदा ने कहा कि दो दशक तक ज्योति बसु और मुलायम सिंह यादव का दोस्ताना संबंध बेहद गहरा रहा।

By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Mon, 10 Oct 2022 06:07 PM (IST)
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Mulayam Singh Yadev: सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने मुलायम सिंह और बंगाल के बीच संबंधों को साझा किया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Mulayam Singh Yadev: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का बंगाल से गहरा नाता था। वे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व माकपा के दिग्गज नेता ज्योति बसु के बेहद प्रिय थे। बता दें कि मुलायम सिंह यादव का सोमवार को हो गया है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा, जिनका संबंध मूल रूप से बंगाल और कोलकाता से रहा है, उन्होंने भी मुलायम सिंह और बंगाल के बीच संबंधों को साझा किया है। सोमवार को उन्होंने कहा है कि नेताजी का संबंध बंगाल से बेहद प्रगाढ़ था। खास तौर पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के दिग्गज नेता ज्योति बसु के साथ उनके संबंधों को याद करते हुए नंदा ने कहा कि दो दशक तक ज्योति बसु और मुलायम सिंह यादव का दोस्ताना संबंध बेहद गहरा रहा।

समाजवादी पार्टी वाम मोर्चा गठबंधन का हिस्सा थी

बंगाल में वाम दलों के शासन के दौरान समाजवादी पार्टी वाम मोर्चा गठबंधन का हिस्सा थी और नंदा ने स्वर्गीय ज्योति बसु और बुद्धदेव भट्टाचार्य दोनों के नेतृत्व में 1991 से 2011 तक 20 वर्षों के लिए राज्य के मत्स्य मंत्री का महत्वपूर्ण विभाग संभाला था। उन्होंने कहा कि ज्योति बसु के साथ मुलायम सिंह यादव का व्यक्तिगत समीकरण बेहद सौहार्दपूर्ण था। उन दोनों की एक दूसरे के प्रति परस्पर प्रशंसा थी जो कई मौकों पर परिलक्षित होती थी।

नंदा रविवार दोपहर के समय नई दिल्ली से कोलकाता आए थे और सोमवार को मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर मिलते ही आनन-फानन में दिल्ली पहुंचने के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। उन्होंने यहीं मीडिया से बातचीत में बताया कि मुलायम सिंह यादव के कहने पर समाजवादी पार्टी ने कई मौकों पर कोलकाता में अपना राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था जो शहर के साथ बाद के घनिष्ठ संबंधों का एक उदाहरण था।

जब माकपा की तीखी आलोचना की थी

1996 में जब ज्योति बसु को भारत के प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव आया था और माकपा पोलित ब्यूरो ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था तब मुलायम सिंह यादव ने माकपा की तीखी आलोचना की थी। उन दिनों को याद करते हुए नंदा ने एक बार फिर कहा कि अगर तब माकपा ज्योति बसु को प्रधानमंत्री बनने देती तो देश को बेहद लाभ होता। उनके सरीखे राजनेता किसी भी पार्टी लाइन से ऊपर होता है और उनके दिखाए हुए आदर्श हमेशा दूसरों के लिए अनुकरणीय होते हैं।

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