राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बंगाल सरकार से सोनागाछी में देह व्यापार रोकने को तैयार की गई नीतियों पर मांगी रिपोर्ट
National Human Rights Commission राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शनिवार को बंगाल सरकार के मुख्य सचिव से एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी में देह व्यापार रोकने के लिए तैयार की गई नीतियों पर रिपोर्ट मांगी है।
By Vijay KumarEdited By: Updated: Sat, 15 May 2021 07:02 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने शनिवार को बंगाल सरकार के मुख्य सचिव से एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी में देह व्यापार रोकने के लिए तैयार की गई नीतियों पर रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी ने बंगाल सरकार को छह महीने के भीतर बंगाल सरकार बनाम बुद्धदेव कर्मकार मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन पर कार्रवाई रिपोर्ट देने को भी कहा है।
एनएचआरसी ने महिला एवं बाल विकास विभाग, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख सचिव और राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भारतीय विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर सोनागाछी के पीड़ितों की सामाजिक, कानूनी स्थिति का सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया है और स्वास्थ्य की दृष्टि से क्षेत्र में देह व्यापार के निषेध के साथ उनका पुनर्वास करने को कहा है।एनएचआरसी ने एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए ये निर्देश दिए, जो प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राधाकांत त्रिपाठी द्वारा दायर किया गया है।अपनी याचिका में त्रिपाठी ने बंगाल के सोनागाछी इलाके में नाबालिग लड़कियों, दुष्कर्म/ यौन शोषण से पीड़ित महिलाओं और मानव तस्करी की शिकार महिलाओं के मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात कही है। उन्होंने अपनी शिकायत में राज्य तंत्र की निष्क्रियता और लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने और मामले पर निगरानी रखने की प्रार्थना की और दशकों से चली आ रही इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई की गुहार लगाईं।
एनएचआरसी के निर्देशों के अनुसरण में कोलकाता पुलिस आयुक्त ने कहा कि पीड़ितों का पता लगाने के लिए व्यापक खोज की गई और मानव तस्करी के साथ-साथ यौन शोषण को रोकने के लिए सोनागाछी इलाके में पूरे वर्ष कड़ी निगरानी रखी जा रही है। .पुलिस आयुक्त ने आगे कहा कि स्थानीय पुलिस थाने और कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग भी अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधान के अनुसार मामले दर्ज करते हैं।
वहीं बंगाल सरकार के महिला व बाल विकास एवं सामाजिक कल्याण विभाग के सचिव ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बंगाल सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से मानव तस्करी के मुद्दे से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।त्रिपाठी ने इसके जवाब में कहा कि अगर राज्य सरकार ने गंभीर कदम उठाए होते तो सोनागाछी सबसे बड़े रेडलाइट एरिया के रूप में बदनाम नहीं होता। "त्रिपाठी ने एनएचआरसी से स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करने का अनुरोध किया और सोनागाछी में इस तरह के देह व्यापार, वेश्यालय को रोकने के लिए बनाई गई नीति के बारे में विवरण मांगा और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा।
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