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भाजपा में अंर्तकलह पर राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष दिलीप घोष ने दी सफाई, कोलकातावासियों के लिए कहीं ये बात

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी में अंतर्विरोध पर सफाई दी है। पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आमंत्रित नहीं किये जाने पर कहा कि मैं उस बैठक में था जिसमें मुझे होना चाहिए था। जहां मौजूद नहीं होना चाहिए था वहा मैं नहीं था।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Tue, 23 Aug 2022 03:32 PM (IST)
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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष की तस्‍वीर।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी में अंतर्विरोध पर सफाई दी है। पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आमंत्रित नहीं किये जाने पर मंगलवार को उन्होंने कहा कि मैं उस बैठक में था जिसमें मुझे होना चाहिए था और जहां मौजूद नहीं होना चाहिए था वहा मैं नहीं था।

उधर, प्रदेश कमेटी की बैठक में दिलीप घोष की गैरमौजूदगी को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सोमवार को कहा था कि दरवाजा बंद था, इसलिए वह अंदर नहीं आ सके। इसका जवाब देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि शायद उन्हें पता नहीं था, मुझे शाम सात बजे कोर कमेटी की बैठक के लिए बुलाया गया था। सभी नेता दूर-दूर से आए थे। यह एक छोटी सी बैठक थी, जिसमें मैंने भाग लिया था। मैंने शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक की।

कोलकातावासी वोट देकर भ्रष्‍ट पार्टी को ही चुनेंगे

उल्लेखनीय है कि दिलीप घोष ने सोमवार को टिप्पणी की थी कि कोलकाता में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी। इस बारे में पूछने पर कोलकाता वासियों के रवैये का जिक्र करते हुए दिलीप ने आगे कहा कि मैंने कहा था कि कोलकाता के लोगों को भ्रष्टाचार की परवाह नहीं है। वे अपने फायदे की परवाह करते हैं। वे वोट देकर भ्रष्ट पार्टी को ही चुनेंगे। इतना भ्रष्टाचार जो हो रहा है उसके बारे में पूरे बंगाल में एक आंदोलन जैसी स्थिति बन रही है लेकिन कोलकाता में कोई आंदोलन नहीं हो रहा है। पार्टी नेतृत्व को चुनौती देते हुए दिलीप घोष ने कहा कि मैं जो कुछ भी कहता हूं, सच कहता हूं। अगर किसी को बुरा लगता है तो मैं कुछ नहीं कर सकता।

दिलीप घोष ने किया चौंकानेवाले दावा

बता दें कि भाजपा की बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने मंगलवार को भी चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य को मिलने वाला केंद्रीय फंड पार्टी की बंगाल इकाई के कहने पर बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं पर होने वाले खर्च का हिसाब  बंगाल सरकार नहीं देगी उसकी वित्तीय फंडिंग बंद कर दी जानी चाहिए। केंद्र सरकार जो रुपये भेजती है वह बंगाल सरकार की सत्ता में शामिल नेताओं के घर से मिल रहे हैं। इसके अलावा  केंद्रीय जांच एजेंसी पर निशाना साधते हुए दिलीप घोष ने फिर कहा कि सीबीआइ किसकी है, पता नहीं। वह जनता के रुपये से चल रही है।

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