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'घटनास्थल के साथ हुई छेड़छाड़', RG कर अस्पताल में महिला आयोग ने कई कमियां पाईं; 5 प्वाइंट्स में देखें रिपोर्ट

राष्ट्रीय महिला आयोग ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म एवं हत्या मामले का स्वत संज्ञान लेकर जांच की है। आयोग ने अपनी जांच में कई गंभीर सवाल उठाए हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपनी जांच में पाया है कि घटना के दौरान वहां कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था। इससे नाइट शिफ्ट के दौरान ऑन-कॉल इंटर्न डॉक्टर और नर्सों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाई।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Sat, 17 Aug 2024 12:38 PM (IST)
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आयोग ने दुष्कर्म और हत्या से संबंधित जांच में सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और जांच में खामियां पाई। (फोटो, एपी)

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राष्ट्रीय महिला आयोग ने आरजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दुष्कर्म एवं हत्या मामले को लेकर प्रसाशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आयोग कहा हकना है कि जिस जगह पर ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की गई थी, वहां अचानक से छतित्रस्त सामान को फिर से ठीक करवा दिया गया। आयोग इसको लेकर सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना जता रहा है।

महिला आयोग की रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि कोलकाता पुलिस को तुरंत घटनास्थल को सील कर देना चाहिए था। बता दें कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया है।

बुनियादी ढांचे और जांच में खामियां- रिपोर्ट

एनसीडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या से संबंधित जांच, सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और जांच में खामियां थीं।

महिला आयोग ने दुष्कर्म-हत्या को लेकर क्या दावा किया?

  1. राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपनी जांच में पाया है कि घटना के दौरान वहां कोई सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं था। इससे नाइट शिफ्ट के दौरान ऑन-कॉल इंटर्न, डॉक्टर और नर्सों को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाई।
  2. महिला आयोग ने रिपोर्ट में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना जताई है। साथ ही कहा है कि जिस जगह पर हत्या और दुष्कर्म का अपराध हुआ, वहां अचानक नवीनीकरण का काम चलाया गया।
  3. आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस को घटनास्थल को तुरंत सील कर देना चाहिए था।
  4. महिला आयोग ने अस्पताल में महिला मेडिकल कर्मचारियों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी पाई है, जिसमें गंदे शौचालय, कम रोशनी और सुरक्षा उपायों का पूर्ण अभाव शामिल है।
  5. आयोग की जांच में इस पूरे मामले की जांच को लेकर गंभीर चिंताएं भी सामने आई हैं। एनसीडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि घटना के बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष से पूछताछ अभी भी अधूरी है।

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