कोलकाता के नटवरलाल ने की व्यापारियों से पांच करोड़ की धोखाधड़ी, 30 लोगों ने दर्ज कराई FIR
कोलकाता के सटे लेकटाउन इलाके में खुदरा कारोबार के नाम पर कई व्यापारियों से लगभग पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों 30 व्यापारियों ने लेकटाउन थाने में शिकायत दर्ज कराई
By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Mon, 04 Jul 2022 08:25 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता के नटवरलाल की चालाकी सुनकर हर कोई दंग है। इन्होंने पूरे 30 बड़े व्यापारियों को निशाना बनाया। जब तक व्यापारियों को ठगी का अहसास हुआ ये फरार हो गए। दरअसल, कोलकाता के सटे लेकटाउन इलाके में खुदरा कारोबार के नाम पर कई व्यापारियों से लगभग पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों कई व्यापारियों ने लेकटाउन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि थाना क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी नारायण भंडार नामक एक थोक व खुदरा किराना स्टोर के मालिक चंद्र प्रकाश धरनीधरका व उसके पुत्र राहुल धरनीधरका ने विभिन्न कारोबारियों से उधार पर बेचने के लिए माल लिए थे। पहले कुछ समय तक उन्होंने समय पर भुगतान किया और फिर माल की कीमत चुकाये बिना रकम लेकर फरार हो गए। पुलिस को आरोपितों के खिलाफ लगभग 30 शिकायतें मिलीं। अंतत: पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपित चंद्र प्रकाश धरनीधरका को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार व्यापारियों के आरोप के बाद जांच शुरू करने के बाद पता चला कि दुकान के मालिक चंद्र प्रकाश धरनीधरका बांगुर क्षेत्र निवासी ने करीब 30 शिकायतकर्ताओं से पांच करोड़ रुपये का गबन किया है। पुलिस ने बीती रात बांगुर इलाके में छापेमारी कर मुख्य आरोपित चंद्र प्रकाश धरनीधरका को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को आज बिधाननगर कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उसे पांच दिनों की हिरासत भेजने का निर्देश दिया।
भराट इलाके के रहने वाले पीडि़त व्यापारी उमेश अग्रवाल ने बताया कि उनका दमदम कैंट इलाके में मां संतोषी आयल मिल है। वह सरसों का तेल बेचने का काम करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपित ने पहले उनसे अच्छे संबंध बनाए और उनका विश्वास जीता। आपस में विश्वास पैदा होने के बाद वह उधार में काम करने लगा। वह माल भेजते थे और आरोपित उधार चुका देता था, लेकिन पिछले माह उनसे लगभग साढ़े सात लाख रुपये का उधार में तेल लिया और जब वे लोग पैसा मांगने गए, तो पता चला को उसकी दुकान बंद है और आरोपित फरार हैं। पता चला है कि आरोपित पिता-पुत्र व्यापारियों से माल लेने के बाद उसे महानगर के बड़ाबाजार समेत विभिन्न इलाकों के खुदरा व थोक विक्रेताओं को तुरंत नकद में बेच देते थे।
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