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बढ़ेगी नौसेना की ताकत, दो नए स्वदेशी युद्धपोत एक साथ लांच; वायुसेना प्रमुख बोले- भारत आधुनिक युद्धपोत बनाने वाले चुनिंदा देशों में

इन दोनों युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने के बाद उसकी ताकत में काफी इजाफा होगा। यहां जीआरएसइ यार्ड में आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और उनकी पत्नी नीता चौधरी की मौजूदगी में इन दोनों पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों की लांचिंग हुई। परंपरा के अनुसार नीता चौधरी ने दोनों युद्धपोतों का नाम आइएनएस अग्रे और आइएनएस अक्षय रखा।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 13 Mar 2024 09:38 PM (IST)
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जीआरएसइ कोलकाता ने किया है दोनों युद्धपोतों का निर्माण (फोटो- जागरण)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारत अपनी समुद्री सुरक्षा क्षमता में लगातार इजाफा कर रहा है। इसी कड़ी में कोलकाता में स्थित रक्षा पीएसयू गार्डनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसइ) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी) सीरीज के दो नए स्वदेशी युद्धपोतों को बुधवार को यहां एक साथ लांच किया गया।

इन दोनों युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने के बाद उसकी ताकत में काफी इजाफा होगा। यहां जीआरएसइ यार्ड में आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और उनकी पत्नी नीता चौधरी की मौजूदगी में इन दोनों पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों की लांचिंग हुई। परंपरा के अनुसार, नीता चौधरी ने दोनों युद्धपोतों का नाम आइएनएस अग्रे और आइएनएस अक्षय रखा। जीआरएसइ नौसेना के लिए एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी सीरीज के आठ युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है, जिसमें यह पांचवां और छठा पोत है।

वायुसेना प्रमुख चौधरी ने कहा कि यह बेहद गर्व की बात

इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख चौधरी ने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि भारत आधुनिक युद्धपोत, पनडुब्बी और विमान वाहक पोत बनाने की क्षमता वाले दुनिया के चुनिंदा देशों में से एक है। उन्होंने नौसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए जीआरएसइ की प्रशंसा की।

यह युद्धपोत पानी के भीतर दुश्मनों का पता लगाने में सक्षम

इस मौके पर जीआरएसइ के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कमोडोर पीआर हरि ने कहा कि इन दोनों युद्धपोतों की प्राथमिक भूमिका तटों के आस-पास समुद्र में पनडुब्बी रोधी अभियान और कम तीव्रता वाले समुद्री अभियान जैसे कार्यों को करना है। यह युद्धपोत पानी के भीतर दुश्मनों की पनडुब्बियों का पता लगाने में सक्षम होगा। अधिकारियों ने बताया कि अब यह जहाज विभिन्न समुद्री परीक्षणों से गुजरेगा, उसके बाद इसे नौसेना को सौंप दिया जाएगा। लांचिंग के अवसर पर सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जीआरएसइ सीएमडी ने कहा कि एएसडब्ल्यूएसडब्ल्यूसी सीरीज के चौथे जहाज आइएनएस अमिनि को नवंबर, 2023 में लांच किया गया था। उसके चार माह के भीतर एक साथ इस सीरीज के दो जहाजों को लांच करना जीआरएसइ के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।

युद्धपोत की खासियत

इस पोत में समुद्री सीमाओं में पानी के भीतर दुश्मनों की पनडुब्बियों का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने की क्षमता होगी। 77.6 मीटर लंबे और 10.5 मीटर चौड़े ये पोत तीन डीजल चालित जेट वाटर द्वारा संचालित हैं और तटीय जल की पूर्ण पैमाने पर उप-सतही निगरानी के साथ खोज और दुश्मनों पर हमले में सक्षम है।

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