नेताजी के वंशजों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, 'गुमनामी बाबा' के सच का पता लगाए केंद्र सरकार
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के वंशजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गुमनामी बाबा के सच का पता लगाने का अनुरोध किया है जिनके नेताजी होने का दावा किया जाता रहा है। नेताजी के भाई शरत चंद्र बोस की पोती जयंती बोस रक्षित व अन्य ने पत्र लिखा है।
By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Mon, 30 May 2022 06:19 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के वंशजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 'गुमनामी बाबा' के सच का पता लगाने का अनुरोध किया है, जिनके नेताजी होने का दावा किया जाता रहा है। नेताजी के भाई शरत चंद्र बोस की पोती जयंती बोस रक्षित व तप्ति घोष और पोते आर्य कुमार की तरफ से प्रधानमंत्री को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि सुभाष चंद्र बोस पर अनुसंधान करने वाले अनुज धर और चंद्रचूड़ घोष गुमनामी बाबा से जुड़े कई तथ्य लोगों के सामने लेकर आए हैं। न्यायाधीश मनोज मुखोपाध्याय ने भी दावा किया था कि गुमनामी बाबा ही नेताजी थे। आश्चर्य है कि सरकार ने अब तक इसपर ध्यान क्यों नहीं दिया है।
गुमनामी बाबा के निधन के बाद घर से नेताजी के कई सामान मिलेउन्होंने आगे कहा कि नेताजी के विमान हादसे में निधन की थ्योरी को आम जनता मानने को तैयार नहीं है। नेताजी की पत्नी एमिली और भाई शरत चंद्र बसु ने भी इसे मानने से इन्कार कर दिया था। गौरतलब है कि गुमनामी बाबा उत्तर प्रदेश के फैजाबाद समेत विभिन्न स्थानों पर रहे। वे कुछ ही लोगों से मिलते थे और सबसे अपना चेहरा छिपाकर रखते थे। ऐसा दावा किया जाता है कि गुमनामी बाबा के निधन के बाद उनके घर से नेताजी व उनके परिवार से संबंधित काफी चीजें मिली हैं।
रेनकोजी से अस्थियों को लाने की मांग इससे पहले नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जापान के रेनकोजी मंदिर में रखीं अस्थियों को भारत लाकर नेताजी के परिवार के सदस्यों से उसके डीएनए टेस्ट का मिलान करने की मांग की थी। यह अस्थियां नेताजी की बताई जाती हैं। चंद्र कुमार बोस ने यह भी कहा था कि अगर अस्थियों को भारत लाया जा सका तो नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ अपने पिता का अंतिम संस्कार कर पाएंगी। अस्थियों को वापस लाने में ढिलाई के कारण ही नेताजी को लेकर अजीबो-गरीब कहानियां प्रसारित होती रहती हैं।
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