बंगाल में ED के बाद अब NIA की टीम पर हमला, कार में तोड़फोड़; दो अधिकारी घायल
NIA team attacked in Bengal एनआइए ने दावा किया कि दो व्यक्ति को पूछताछ के लिए ले जाते समय उन पर हमला किया गया। एनआइए के अधिकारी इलाके में हुए विस्फोट की जांच के लिए भूपतिनगर गए थे। जब एनआइए दो लोगों को पकड़कर ले जा रही थी तभी ग्रामीणों ने दोनों की रिहाई की मांग करते हुए एनआइए की गाड़ी को घेर लिया और कार पर हमला कर दिया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में इसी साल पांच जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले की घटना के तीन महीने बाद अब पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पर हमला हुआ है।
जांच के सिलसिले में भूपतिनगर गई थी टीम
कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर शनिवार सुबह एनआईए की टीम 2022 में हुए विस्फोट कांड की जांच के सिलसिले में भूपतिनगर गई थी। मामले में आरोपित बलाई चरण माइती व मनोब्रत जाना नामक दो तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार कर अपने साथ कोलकाता ले जाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए स्थानीय थाने ले जाते वक्त कुछ लोगों ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए एनआईए की गाड़ी को घेरकर हमला कर दिया। कार में तोड़फोड़ और जांच अधिकारियों से मारपीट की गई, जिसमें दो अधिकारियों को मामूली चोटें आई हैं।
जांच में जुटी बंगाल पुलिस
एनआईए हालांकि दोनों आरोपितों को थाने ले जाने के बाद कोलकाता लाने में सफल रही। एनआइए की ओर से घटना की स्थानीय थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है, जिसके आधार पर बंगाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है। स्थानीय तृणमूल नेतृत्व ने हालांकि एनआईए अधिकारियों की कार पर हमले से इनकार किया है। तृणमूल नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में शनिवार को भूपतिनगर में जगह-जगह प्रदर्शन किया गया।
भाजपा की मदद करने गई थी एनआईए: ममता
मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव के वक्त एनआईए की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि वह भाजपा की मदद करने वहां गई थी। उत्तर बंगाल के रायगंज में चुनावी सभा के मंच से ममता ने सवाल दागा कि एनआईए ने वहां जाने से पहले पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी? ममता ने दावा किया कि आधी रात के वक्त कार्रवाई की गई।
सीएम ममता ने भाजपा पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि आधी रात को कोई गांव में घुसेगा तो गांववाले वही करेंगे, जो उन्हें करना चाहिए। एनआईए को उस वक्त गांव आने की जरूरत क्यों पड़ी? चुनाव के समय वहां तृणमूल के संगठन को कमजोर करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने साजिश के तहत एनआईए की टीम भेजी। बंगाल में चॉकलेट बम फटने पर भी एनआईए को भेज दिया जाता है। ममता ने बाद में यह भी दावा किया कि हमला ग्रामीणों ने नहीं बल्कि एनआइए की टीम ने किया था।
भाजपा ने बताया राज्य प्रायोजित आतंक
दूसरी तरफ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इसे 'राज्य प्रायोजित आतंक' करार देते हुए कहा कि यह तृणमूल की तालिबानी मानसिकता वाली संस्कृति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। वहीं भाजपा विधायक व बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग को बंगाल पुलिस के महानिदेशक, पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक, कांथी के एसडीपीओ व भूपतिनगर थाने के प्रभारी के खिलाफ अविलंब कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस भी घटना को लेकर बेहद सख्त दिखे। उन्होंने कहा कि इस तरह की गुंडागर्दी की इजाजत नहीं दी जा सकती। घटना को गंभीरता से लेकर इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में दंगा फैलाना चाहती है। इस बीच चुनाव आयोग ने बंगाल के मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका व पूर्व मेदिनीपुर के जिलाधिकारी से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि 2022 में भूपतिनगर में एक मकान में हुए विस्फोट की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी। अदालत के निर्देश पर एनआईए घटना की जांच कर रही है। गिरफ्तार दोनों तृणमूल नेताओं पर इलाके में कच्चा बम तैयार करने के आरोप हैं।
NIA ने गिरफ्तार TMC नेताओं को बताया मुख्य साजिशकर्ता
इस बीच एनआईए की ओर से बयान जारी करके गिरफ्तार तृणमूल नेताओं को विस्फोट कांड का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। एनआईए ने कहा कि पांच जगहों पर छापामारी के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया है। छापामारी में नगद दो लाख छत्तीस हजार रुपये व चार मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। एनआइए ने आगे कहा कि छापामारी के दौरान उग्र भीड़ ने उन्हें बाधा देने की कोशिश की गई। उनके व उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की गई।