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West Bengal: निशीथ प्रमाणिक पर हमले के मामले की फाइल नहीं दे रही पुलिस, CBI ने हाईकोर्ट से की शिकायत

West Bengal आदेश के बावजूद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हमले के मामले की फाइल पुलिस नहीं दे रही है। इसे लेकर मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी ने न्यायालय की अवमानना का दावा कर एक बार फिर कलकत्ता हाई कोर्ट का ध्यानाकर्षण किया है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 04 Apr 2023 04:13 PM (IST)
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West Bengal: निशीथ प्रमाणिक पर हमले के मामले की फाइल नहीं दे रही पुलिस

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। West Bengal: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक पर कूचबिहार के दिनहटा में हुए हमले की जांच के आदेश कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआइ को काफी पहले दिए थे।

नियमानुसार कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद जिला पुलिस को जांच से संबंधित सारे दस्तावेज केंद्रीय एजेंसी को सौंप देना था, लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई दस्तावेज नहीं दिया है।

एक बार फिर कलकत्ता हाई कोर्ट का किया रुख

इसे लेकर मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी ने न्यायालय की अवमानना का दावा कर एक बार फिर कलकत्ता हाई कोर्ट का ध्यानाकर्षण किया है। तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राई भट्टाचार्य की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था। मंगलवार को इसी मामले में अतिरिक्त आवेदन देकर सीबीआइ ने बताया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बंगाल पुलिस ने जांच से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया है। इसलिए अभी तक केंद्रीय एजेंसी जांच शुरू नहीं कर पाई है।

केंद्रीय एजेंसी ने मांगी ये अनुमति

केंद्रीय एजेंसी ने पुलिस के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला शुरू करने के लिए अनुमति मांगी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने केंद्रीय एजेंसी को आवेदन दाखिल करने की अनुमति दे दी है। इसी हफ्ते मामले की सुनवाई होगी।

क्या है पूरा मामला?

उल्लेखनीय है कि गत 25 फरवरी को कूचबिहार के दिनहाटा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के काफिले पर पत्थरबाजी और बमबारी हुई थी। इसके अलावा गोली भी चलाई गई है। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया था कि पुलिस ने सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची है।

इस संबंध में हमलावर तृणमूल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस ने भाजपा के ही 25 कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली थी, जिस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने रोक लगाई थी। सीबीआइ को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था लेकिन पुलिस ने दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करवाया है।