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Bengal: तृणमूल पर बरसे भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी, बोले- NSAP से बंगाल में खुलेगा भ्रष्टाचार का नया द्वार

विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पंचायत चुनाव से पहले जनता का पैसा लूटने का तृणमूल के पास अंतिम मौका होगा। सुवेंदु ने दावा किया कि सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने वाली पंचायतों के साथ तीन संभावित परिदृश्यों की परिकल्पना की जा सकती है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 02 Jun 2023 05:08 PM (IST)
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बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत नए पात्र लाभार्थियों को शामिल करने को मंजूरी देने वाले केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की नई अधिसूचना से बंगाल में भ्रष्टाचार का एक और नया द्वार खुल जाएगा। यह बात राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को कही।

उन्होंने यह इंगित करते हुए दावा किया कि राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने जिलाधिकारियों को प्रतीक्षा सूची में प्रत्येक व्यक्ति को पात्र या योग्य नहीं के रूप में चिन्हित करने के लिए एक भौतिक सत्यापन प्रक्रिया आयोजित करने के लिए कहा है, जो सत्तारूढ़ दल के लिए पंचायत चुनाव से पहले जनता का पैसा लूटने का अंतिम मौका होगा।

सुवेंदु ने दावा किया कि सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने वाली पंचायतों के साथ, तीन संभावित परिदृश्यों की परिकल्पना की जा सकती है। 

  • पहला यह है कि प्रतीक्षा सूची में शामिल व्यक्तियों से बड़ी मात्रा में कट मनी (कमीशन) वसूल की जाएगी। इस प्रक्रिया में जो वास्तव में पात्र हैं, उन्हें अयोग्य के रूप में चिन्हित किया जाएगा।
  • दूसरा, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं, उनके रिश्तेदार, मित्र और सहयोगियों को फायदा होगा। अनैतिक रूप से दस्तावेजों में हेरफेर करके उन्हें चयन के मानदंड में फिट नहीं होने पर भी पात्र के रूप में चिन्हित किया जाएगा।
सुवेंदु के मुताबिक, सत्यापन प्रक्रिया पंचायत चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने का जरिया होगी और लाभार्थी के रूप में चयन के बदले राजनीतिक वफादारी मांगी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत स्तर के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की अवैध आय के प्रवाह के संबंध में पिछले कुछ समय से सूखा पड़ा है।

सुवेंदु ने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बंगाल में व्यापक पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार के बाद आवास योजना और मनरेगा में शिकंजा कसा है, लेकिन अगस्त में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले लूट करने का यह उनका आखिरी मौका है।

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