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ट्रेन में विषाक्त मकड़े के काटने से यात्री की मौत, परिवार संग लौट रहा था मृतक

दक्षिण भारत में बेटे का उपचार कराकर लौट रहे व्यक्ति की ट्रेन में विषाक्त मकड़े के काटने से मौत हो गई। पीडि़त परिवार ने रेल प्रशासन पर उपचार मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 10:54 AM (IST)
ट्रेन में विषाक्त मकड़े के काटने से यात्री की मौत, परिवार संग लौट रहा था मृतक

खड़गपुर, जागरण संवाददाता। दक्षिण भारत में बेटे का उपचार कराकर लौट रहे व्यक्ति की ट्रेन में विषाक्त मकड़े के काटने से मौत हो गई। पीडि़त परिवार ने रेल प्रशासन पर उपचार मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया है। घटना के बाद से रेल महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

सूत्रों के अनुसार पूर्व मेदिनीपुर जिला अंतर्गत एगरा निवासी पिंटू साहू (38) अपने बेटे प्रतीक का उपचार कराने के लिए गत 30 अप्रैल को दक्षिण भारत गए थे। उपचार कराने के बाद गत 19 मई को वह अपनी पत्‍‌नी प्रणति और बेटे के साथ तिरूनावेल्ली-हावड़ा एक्सप्रेस से लौट रहे थे। उनका आरक्षण एस-2 कोच में था।

आरोप है कि रात में ऊपर की बर्थ पर सोते समय टैरेंटूला नामक विषाक्त मकड़े ने पिंटू को काट लिया था। इसके बाद दर्द से तड़पने लगे तो उनकी पत्‍‌नी ने तत्काल इसकी सूचना कोच अटेंडेंट को दी लेकिन उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई। बल्कि कर्मचारी द्वारा दर्द कम करने के लिए एक टेबलेट दे दी गई।

जबकि ट्रेन काफी देर तक विशाखापत्तनम में खड़ी रही। लेकिन रेल प्रशासन उपचार मुहैया कराने को लेकर लापरवाह बना रहा। लंबा सफर तय करने के बाद रविवार रात करीब 11 बजे खड़गपुर स्टेशन पहुंचने पर पिंटू एक बार फिर दर्द से कराहने लगा था। लेकिन चिकित्सकों ने सामान्य उपचार के बाद यात्री को एगरा की बस में बैठा दिया। लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर रात में ही पिंटू को एगरा महकमा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उपचार के दौरान सोमवार तड़के उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने पिंटू की मौत के लिए सीधे तौर पर रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उधर, अस्पताल के चिकित्सक राकेश जाना ने पिंटू की मौत किसी विषाक्त कीड़े के काटने से होना बताया है। टांग में गोल दाग भी देखा गया है। कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल सकेगा।

उधर, खड़गपुर डिवीजन के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक कुलदीप तिवारी ने मृतक के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। बताया कि यात्री को उल्टी की शिकायत होने के बाद दांतन और खड़गपुर में उन्हें उपचार मुहैया कराई गई थी। तेज बुखार के कारण यात्री को उल्टियां हो रही थी। इसके बाद यात्री घर चला गया था। घटना के बाद रेलवे की यात्री सुविधाओं पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। 


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