Kolkata Case: कोलकाता में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प, 200 से अधिक गिरफ्तार; भाजपा ने बंगाल बंद का किया एलान
बंगाल में आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म व हत्याकांड के विरोध में मंगलवार को बंगाल में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। छात्रों ने राज्य सचिवालय के दौरान पुलिस के साथ हिंसक झड़प भी हुई। पुलिस ने उग्र भीड़ पर पथराव भी किया। सुरक्षा बलों ने छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया। 200 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग पर मंगलवार को बंगाल में छात्रों के राज्य सचिवालय मार्च (नवान्न अभियान) के दौरान पुलिस के साथ जमकर हिंसक झड़प देखने को मिली।
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बैरिकेड्स तोड़ आगे बढ़े प्रदर्शनकारी
मार्च को विफल करने के लिए पुलिस प्रशासन के बेहद कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच दोपहर में अलग-अलग स्थानों से अभियान शुरू होने के साथ प्रदर्शनकारी छात्रों की भीड़ ने हावड़ा के संतरागाछी और हावड़ा ब्रिज सहित कई अन्य जगहों पर पुलिस द्वारा लगाए गए बेहद मजबूत बैरिकेड्स को तोड़ दिया और आगे बढ़ने की कोशिश की।
इसको लेकर पुलिस के साथ जबरदस्त झड़प हुईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए जमकर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया।
सुरक्षा बलों पर फेंके पत्थर
कोलकाता के हेस्टिंग्स, प्रिंसेप घाट और हावड़ा मैदान इलाके में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली, जहां प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पत्थर और ईंटें फेंकी और बैरेकेड्स को गिराकर हावड़ा में स्थित राज्य सचिवालय की ओर बढ़ने की कोशिश की।
घंटों बना रहा रणक्षेत्र
कोलकाता व हावड़ा में विभिन्न स्थानों पर करीब तीन- चार घंटे तक पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच रह-रह कर झड़प से पूरा इलाका रणक्षेत्र नजर आया। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सचिवालय आने वाले सभी रास्तों (एंट्री प्वाइंट्स) पर मजबूत बैरिकेड्स लगाए गए थे। कुछ जगह पहली बार कंटेनर के साथ बैरिकेड्स लगाए गए थे।
220 लोग गिरफ्तार
पुलिस लाठीचार्ज में दर्जनों छात्र घायल हुए हैं। पश्चिम बंगाल छात्र समाज नामक संगठन ने इस मार्च का आह्वान किया था। झड़प व पथराव में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस के कुछ वाहनों को भी फूंक दिया गया। पुलिस पर हमले और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 220 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
आंदोलन के नाम पर तांडव चलाया गया
इसके अलावा दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। राज्य पुलिस के एडीजी (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मार्च से पहले हिंसा की साजिश रचने के आरोप में पुलिस ने सोमवार को भी 25 लोगों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने कहा कि छात्र समाज के शांतिपूर्ण आंदोलन के नाम पर तांडव चलाया गया। इसके पीछे कोई बड़ी शक्ति थी।
पुलिस ने दिखाया काफी संयम: एडीजी
एडीजी ने कहा कि मार्च को पुलिस की अनुमति नहीं थी। हमें पहले ही इनपुट मिला था कि इसके नाम पर बड़ी अशांति फैलाने की योजना था। पुलिस ने काफी संयम दिखाया। आंदोलन के नाम गुंडागर्दी की गई। सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया गया। पेट्रोल बम तक इस्तेमाल किया गया। हमें बहुत सबूत मिले हैं। ऐसे तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा ने बुलाया 12 घंटे का बंगाल बंद
इधर, पुलिस लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों के विरोध में प्रदेश भाजपा ने बुधवार को 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया है। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि मार्च में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेने वालों पर पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की। उन्होंने ममता के इस्तीफे और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को किया गया था तैनात
मार्च के मद्देनजर राज्य सचिवालय व आसपास 6,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इसमें काम्बैट फोर्स से लेकर रैफ, क्यूआरटी दल भी शामिल थे। पूरा क्षेत्र अभेद किले में तब्दील था। सचिवालय आने वाले सभी रास्तों (एंट्री प्वाइंट्स) पर कुल 19 जगहों पर मजबूत बैरिकेड्स लगाए गए थे।
ड्रोन से भी नजर रखी जा रही थी। बावजूद इसके भीड़ ने कई जगहों पर सुरक्षा घेरा को भेदकर आगे बढ़ने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी आरजी कर की घटना के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पर नारेबाजी कर रहे थे।
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