कोलकाता रेप-मर्डर केस: पूर्व प्रिंसिपल का हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट, सीबीआई ने पूछे 25 सवाल; आज दोबारा बुलाया
महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना की जांच कर रही सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर शिकंजा कस दिया है। शनिवार को पॉलीग्राफ टेस्ट से सच्चाई जानने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी ने डॉ. घोष से 25 सवाल किए और आर्थिक भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली।
राज्य ब्यूरो, जागरण कोलकाता। महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना की जांच कर रही सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर शिकंजा कस दिया है। शनिवार को पॉलीग्राफ टेस्ट से सच्चाई जानने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी ने डॉ. घोष से 25 सवाल किए और आर्थिक भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली।
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घोष को कल फिर सीबीआई ने बुलाया
डॉ. घोष के अलावा पांच अन्य लोगों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ। घटना के मुख्य आरोपित संजय राय का पॉलीग्राफ टेस्ट शनिवार को नहीं हो सका। सूत्रों के अनुसार डॉ. घोष को रविवार को भी सीबीआई ने बुलाया है और कहा जा रहा है कि उनका फिर से पॉलीग्राफ टेस्ट हो सकता है। पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से विशेषज्ञों का एक दल कोलकाता आया है।
इनका हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट
डॉ. घोष के अलावा जिन अन्य का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ है, उसमें संजय राय का दोस्त सौरव भट्टाचार्य और घटना की रात ड्यूटी कर रहे चार जूनियर डॉक्टर शामिल हैं। इन जूनियर डॉक्टरों के साथ महिला डॉक्टर ने घटना वाली रात भोजन किया था, जबकि कोलकाता पुलिस के सिविल वालंटियर सौरव को घटना के एक दिन पहले आठ अगस्त को अस्पताल में संजय राय के साथ देखा गया था। उस दिन सौरव अस्पताल में भर्ती अपने रिश्तेदार को देखने गया था। रात को उसने संजय राय के साथ शराब पी थी।मालूम हो कि पॉलीग्राफ टेस्ट के समय व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर देते वक्त एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापकर पता लगाने की कोशिश की जाती है कि वह सच बोल रहा है या झूठ।
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- सूत्रों के अनुसार मामले की तह तक जाने के लिए डॉ. घोष से सीबीआई ने पॉलीग्राफ टेस्ट में पूछा है कि क्या आपके और मृतका के बीच कोई विवाद था?
- क्या आपने पीड़िता के स्वजन को इस हत्या को आत्महत्या बताया था?
- क्या वारदात की सूचना पुलिस को देर से दी गई?
- आप डॉक्टर हैं, आपको नहीं लगता था कि क्राइम सीन को सुरक्षित रखना जरूरी होता है?
- क्राइम सीन को जांच पूरी होने तक सुरक्षित क्यों नहीं रखा?
- वारदात के बाद तुरंत इस्तीफा क्यों दिया?
- आपने वारदात के बाद किस-किस से बात की?
- वारदात की जानकारी फोन पर किस-किस को दी?
- संजय राय को जानते हैं? कब से और कितनी बार मिले हैं?
- क्या आठ व नौ अगस्त को मिले थे उससे?
भ्रष्टाचार मामले की जांच में बढ़े कदम
इसके अलावा सीबीआई ने अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले की जांच भी तेज कर दी है। बंगाल सरकार द्वारा 20 अगस्त को गठित एसआईटी ने मामले से जुड़े सारे दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए। हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जांच सीबीआई को सौंपी थी। भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर हाईकोर्ट में दो याचिकाएं डॉ. घोष के पूर्व सहयोगी अख्तर अली व अधिवक्ता सुष्मिता साहा दत्ता ने दाखिल की थीं। न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज ने सीबीआई को तीन सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।सीबीआई के रिमांड नोट व फोरेंसिक रिपोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म का उल्लेख नहीं
सीबीआई की ओर से सियालदह कोर्ट में मुख्य आरोपित संजय राय की न्यायिक हिरासत के लिए जो रिमांड नोट जमा किया गया था, उसमें सामूहिक दुष्कर्म नहीं, दुष्कर्म व हत्या की बात कही गई है। सूत्रों ने बताया कि रिमांड नोट में नृशंस घटना में एक से अधिक लोगों की संलिप्तता की बात भी नहीं लिखी है। संजय राय के अलावा किसी और आरोपित का उल्लेख नहीं है।