JU में रैगिंग के मामलों को छिपाने के आरोपित तीन वरिष्ठ छात्रों की हुई पहचान, आंतरिक जांच समिति ने किया खुलासा
जेयू सूत्रों ने कहा कि आंतरिक जांच समिति ने विवरण दिया है कि नए या प्रथम वर्ष के छात्रों का विशेष रूप से छात्रावासों में रहने वाले वरिष्ठ छात्रों के एक गुट के हाथों किस तरह उत्पीड़न और रैगिंग होती है। नए छात्रों के ड्रेस कोड से लेकर हेयर-स्टाइल तक सब कुछ वरिष्ठ छात्रों के एक वर्ग द्वारा निर्धारित किया गया था।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Mon, 18 Sep 2023 03:54 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) की एक आंतरिक जांच समिति ने तीन वरिष्ठ छात्रों की पहचान की है, जिन पर रैगिंग की घटनाओं को छिपाने का लगातार आरोप लगाया जा रहा है।
विश्वविद्यालय परिसर में 10 अगस्त को एक नए छात्र की मौत के मद्देनजर यह समिति गठित की गई थी। इस संबंध में आंतरिक जांच समिति द्वारा पहचाने गए सभी तीन वरिष्ठ छात्र प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग प्रभाग के छात्र संघ, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी छात्र संघ संकाय के प्रमुख चेहरे हैं।
नए छात्रों के ड्रेस और हेयर-स्टाइल थे निर्धारित
जेयू सूत्रों ने कहा कि आंतरिक जांच समिति ने विवरण दिया है कि नए या प्रथम वर्ष के छात्रों का विशेष रूप से छात्रावासों में रहने वाले वरिष्ठ छात्रों के एक गुट के हाथों किस तरह उत्पीड़न और रैगिंग होती है। नए छात्रों के ड्रेस कोड से लेकर हेयर-स्टाइल तक, सब कुछ वरिष्ठ छात्रों के एक वर्ग द्वारा निर्धारित किया गया था।सूत्र ने बताया कि उपनगरों से अपने सपनों के विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले नए छात्रों के महिला बैच साथियों के साथ बातचीत करने पर टोका-टोकी की जाती है और अक्सर उनसे यौन रुझान से संबंधित बेहद असहज सवालों की बौछार की जाती है।
रैगिंग से परेशान होकर छात्र ने की थी खुदकुशी
रैगिंग की यह घटना 10 अगस्त को नए छात्र की मौत के बाद सामने आई, क्योंकि त्रासदी से एक रात पहले पीड़ित छात्र कथित तौर पर अपने छात्रावास के साथियों को बता रहा था कि वह समलैंगिक नहीं है। आंतरिक जांच समिति पहले ही इस मामले में संलिप्तता के कारण चार छात्रों को तत्काल निष्कासित करने का सुझाव दे चुकी है। इसने यह भी सुझाव दिया है कि जेयू अधिकारियों को उन छह पूर्व छात्रों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करनी चाहिए जो दुर्घटना के समय छात्रों के छात्रावास में मौजूद थे।कई छात्रों को निलंबित करने की हुई सिफारिश
इसने 15 छात्रों को एक सेमेस्टर के लिए, 11 छात्रों को दो सेमेस्टर के लिए और पांच छात्रों को चार सेमेस्टर के लिए निलंबित करने की भी सिफारिश की। इसमें सुझाव दिया गया है कि विश्वविद्यालय से जुड़े एक शोधार्थी को अपना शोध पूरा होने के बाद जीवन भर परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया जाना चाहिए।समिति ने यह भी कहा कि छात्रावास के अधीक्षक के खिलाफ गहन जांच शुरू की जानी चाहिए, जहां 10 अगस्त को घटना हुई थी। लापरवाही की शिकायतों पर कहा गया है कि अगर शिकायतें सही पाई गईं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
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