बंगाल में जमीन की समस्या के कारण अधर में रेलवे की 61 परियोजनाएं, रेल मंत्री ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र
रेलवे की कई परियोजनाएं शुरू होने के बाद अटकी हैं उनमें काकद्वीप-बकखाली तारकेश्वर-फुरफुरा नंदीग्राम-कांदियामारी नंदकुमार-बलाईपांड़ा इत्यादि के बीच रेल लाइन का निर्माण शामिल हैं। राज्य सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण के पक्ष में नहीं है। रेलमंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि इससे पहले भी बंगाल में जमीन नहीं मिल पाने की वजह से रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं का काम शुरू नहीं हो पाया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बंगाल में जमीन की समस्या के कारण रेलवे की 61 परियोजनाएं अटकी हुई हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। उन्होंने ममता से समस्या के जल्द समाधान के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है।
सूत्रों ने बताया कि अटकीं परियाजनाओं में से 41 ऐसी हैं, जिनका अभी तक काम ही शुरू नहीं हो पाया है जबकि बाकी 20 परियोजनाओं का काम शुरू होने के तुरंत बाद बंद हो गया है। जिन परियोजनाओं का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है, उनमें नामखाना-चंद्रनगर, चंद्रनगर-बकखाली, तारकेश्वर-धनियाखाली, आरामबाग-चांपाडांगा, कटवा-मंतेश्वर, बजबज-पुजाली, हासनाबाद-हिंगलगंज, पुजाली-बाखरहाट, मंतेश्वर-मेमारी, डानकुनी-फुरफुरा इत्यादि के बीच रेल लाइन का निर्माण शामिल हैं।
जो परियोजनाएं शुरू होने के बाद अटकी हैं, उनमें काकद्वीप-बकखाली, तारकेश्वर-फुरफुरा, नंदीग्राम-कांदियामारी, नंदकुमार-बलाईपांड़ा इत्यादि के बीच रेल लाइन का निर्माण शामिल हैं। इन सभी परियोजनाओं के लिए जमीन की उपलब्धता में काफी समस्या हो रही है। राज्य सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण के पक्ष में नहीं है। रेलमंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि इससे पहले भी बंगाल में जमीन नहीं मिल पाने की वजह से रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं का काम शुरू नहीं हो पाया।
केंद्र सरकार बंगाल में रेलवे परियोजनाओं को गति देना चाहती है। राज्य में इस समय विभिन्न रेल परियोजनाओं पर करीब 51 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जिनमें से 11,970 करोड़ पिछले बजट में ही आवंटित हुए हैं।