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पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा पूर्व रेलवे, अनेकों हरित पहल की : सीपीआरओ

व्यापक पैमाने पर रेल विद्युतीकरण ट्रेनों के रेक में परिवर्तन एचओजी बायो टॉयलेट आदि की दिशा में काफी कार्यों का निष्पादन किया गया है। भारतीय रेल के इस महत्वाकांक्षी कदम को सफल बनाने के लिए पूर्व रेलवे की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

By Vijay KumarEdited By: Updated: Sat, 05 Jun 2021 10:44 PM (IST)
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हावड़ा ऑर्थोपेडिक अस्पताल, हावड़ा स्टेशन और लिलुआ वर्कशॉप में रूफटॉप सोलर वाटर हीटर चालू किया गया है।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में पूर्व रेलवे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ी हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है। इसी कड़ी में पूर्व रेलवे ने अनेकों हरित पहल की है। इसमें व्यापक पैमाने पर रेल विद्युतीकरण, ट्रेनों के रेक में परिवर्तन, एचओजी बायो टॉयलेट आदि की दिशा में काफी कार्यों का निष्पादन किया गया है।

43 स्टेशनों को आईएसओ 14001 का प्रमाण पत्र दिया

पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) एकलव्य चक्रवर्ती ने बताया कि रेलवे ने वर्ष 2030 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारतीय रेल के इस महत्वाकांक्षी कदम को सफल बनाने के लिए पूर्व रेलवे की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा नामित सभी 43 स्टेशनों को आईएसओ 14001 का प्रमाण पत्र दिया गया है।

वर्कशॉप में रूफटॉप सोलर वाटर हीटर चालू किया गया

पूरे पूर्व रेलवे में सौर पैनलों द्वारा 2.7 मिलियन किलोवॉट की अक्षय ऊर्जा उत्त्पन्न की गई है। मालदा और आसनसोल मंडलों में वर्षा जल संचयन लागू किया गया है। आसनसोल मंडल ने जगह-जगह पर सामान्य अक्षय ऊर्जा की कई इकाइयां विकसित किए हैं। हावड़ा ऑर्थोपेडिक अस्पताल, हावड़ा स्टेशन और लिलुआ वर्कशॉप में रूफटॉप सोलर वाटर हीटर चालू किया गया है।

शेडों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया

हावड़ा में एक टन प्रतिदिन की क्षमता और सियालदह में 500 किलोग्राम प्रतिदिन की क्षमता का कंपोस्टिंग प्लांट (खाद संयंत्र) स्थापित किया गया है। बर्धमान में 4.5 किलोग्राम के समतुल्य एलपीजी क्षमता का जैविक गैस प्लांट स्थापित किया गया है, जिसे रनिंग रूम में उपयोग किया जाता है। 36 स्टेशनों और 94 गुड्स शेडों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है।

साफ- सफाई को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा

इसके अलावा हावड़ा, सियालदह, आसनसोल एवं मालदा मंडलों के विभिन्न स्टेशनों में प्लास्टिक बोतलों को तोड़ने की क्रशिंग मशीनें लगाई गई है। सीपीआरओ ने बताया कि पूर्व रेलवे वातावरण को और स्वच्छ बनाने और इसकी रक्षा के लिए पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक वाहक के रूप में एक मिशन मोड में कार्य कर रहा है। इसके अलावा पूर्व रेलवे के अधीन विभिन्न स्टेशनों पर यात्रियों को भी साफ- सफाई को लेकर लगातार जागरूक किया जा रहा है।

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