अयोध्या में 2023 के अंत तक तैयार हो जाएगा राम जन्मभूमि मंदिर, बलिदानी कारसेवकों के स्मारक का भी होगा निर्माण
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया-अयोध्या में बलिदानी कारसेवकों के लिए स्मारक का भी निर्माण किया जाएगा। यह ठीक उसी तरह होगा जैसा सेना व पुलिस के शहीदों के लिए होता है। उन्होंने कोलकाता के बलिदानी कारसेवक राम व शरद कोठारी का भी जिक्र किया।
By Neel RajputEdited By: Updated: Mon, 21 Dec 2020 05:33 PM (IST)
कोलकाता [विशाल श्रेष्ठ]। अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर 2023 के अंत तक तैयार हो जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने खास बातचीत में इसकी जानकारी दी। 'श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान' की घोषणा करने सोमवार को कोलकाता पहुंचे राय ने कहा-'राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए प्रारंभिक तौर पर 39 महीने का समय निर्धारित किया गया था। छह महीने विभिन्न कारणों से निकल गए। अब अगले तीन वर्षों में इसके तैयार हो जाने की उम्मीद है। मंदिर छह एकड़ भूमि पर बनेगा। बाकी 64 एकड़ पर संग्रहालय, विद्यालय, पुस्कालय इत्यादि का निर्माण होगा।'
अयोध्या में बलिदानी कारसेवकों के लिए स्मारक का भी होगा निर्माण राय ने बताया-'अयोध्या में बलिदानी कारसेवकों के लिए स्मारक का भी निर्माण किया जाएगा। यह ठीक उसी तरह होगा, जैसा सेना व पुलिस के शहीदों के लिए होता है।' राय ने कोलकाता के बलिदानी कारसेवक राम व शरद कोठारी का भी जिक्र किया।
14 जनवरी से 27 फरवरी तक चलेगा निधि समर्पण अभियानराय ने कहा-'अयोध्या का समाज 492 वर्षों से सम्मान की लड़ाई लड़ता आ रहा था। 1989 के बाद इस लड़ाई ने देशव्यापी आंदोलन का रूप ले लिया। युवा वर्ग इस आंदोलन के गौरवशाली इतिहास से अनभिज्ञ है। उसे इसके बारे में जानकारी देने के लिए ही यह अभियान शुरू किया जा रहा है, जो देशव्यापी तौर पर 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन शुरू होकर 27 फरवरी को रविदास जयंती पर संपन्न होगा। बंगाल, सिक्किम व अंडमान निकोबार में इस अभियान को 31 जनवरी तक संपन्न करने का लक्ष्य रखा गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा जनसंपर्क गैरराजनीतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अभियान होगा। इसके तहत राम जन्मभूमि मंदिर के लिए फंड भी जुटाया जाएगा। हमारे कार्यकर्ता देश के 50 लाख गांवों में जाएंगे। बंगाल के 10 लाख में से पांच लाख गांवों को कवर किया जाएगा।
सूबे के 50 से 55 लाख परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बड़े शहरों के 4,000 स्थानों को कवर किया जाएगा। देश की 50 फीसद से अधिक आबादी तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। 12 करोड़ 25 लाख परिवारों तक पहुंचा जाएगा। तीन-चार कार्यकर्ताओं को मिलाकर एक टीम तैयार की जाएगी। धन संग्रह के लिए 10, 100 व 1000 रुपये के कूपन छापे गए हैं, जिसमें नवनिर्मित हो रहे राम जन्मभूमि मंदिर का चित्र है।'
गंगासागर मेला पारंपरिक रूप से राष्ट्रीय मेला गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेला घोषित करने की लंबे समय से चली आ रही मांग पर राय ने कहा-'जहां मकर संक्रांति के पावन अवसर पर देशभर से लाखों की संख्या में तीर्थयात्री उमड़ते हैं, वह पारंपरिक रूप से राष्ट्रीय मेला है, भले उसे घोषित किया जाए या नहीं।'
हर साल 30 से 35 लाख लोगों से संपर्क कर रहा विहिप
राय, जोकि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के उपाध्यक्ष भी हैं, ने इसके विस्तार पर कहा-'हमारा संगठन हर साल 30 से 35 लाख लोगों से संपर्क कर रहा है। बंगाल में भी हमारा विस्तार संतोषजनक है।'
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।