चार महीने का वक्त दीजिये, आपकी मांगें पूरी करेंगे; ममता बनर्जी की जूनियर डॉक्टरों से अपील
जूनियर डॉक्टरों के अल्टीमेटम के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आमरण अनशन के 15वें दिन शनिवार को अंतत उनसे बातचीत की और आमरण अनशन खत्म कर काम पर लौटने का अनुरोध किया। ममता ने उनकी समस्त मांगें पूरी करने के लिए तीन-चार महीने का समय मांगा साथ ही बातचीत के लिए सोमवार शाम पांच बजे राज्य सचिवालय नवान्न आने का भी प्रस्ताव दिया।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : जूनियर डॉक्टरों के अल्टीमेटम के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आमरण अनशन के 15वें दिन शनिवार को अंतत: उनसे बातचीत की और आमरण अनशन खत्म कर काम पर लौटने का अनुरोध किया। ममता ने उनकी समस्त मांगें पूरी करने के लिए तीन-चार महीने का समय मांगा, साथ ही बातचीत के लिए सोमवार शाम पांच बजे राज्य सचिवालय नवान्न आने का भी प्रस्ताव दिया।
दूसरी तरफ जूनियर डाक्टर सभी मांगें पूरी नहीं होने तक अनशन जारी रखने पर अडिग हैं, हालांकि उन्होंने राज्य सचिवालय आकर बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। मालूम हो कि जूनियर डाक्टरों ने सोमवार तक अपनी समस्त मांगें पूरी नहीं होने पर मंगलवार से फिर पूर्ण रूप से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। इसके 24 घंटे बीतते न बीतते मुख्यमंत्री के निर्देश पर शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत व गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती कोलकाता के धर्मतल्ला इलाके में जूनियर डाक्टरों के अनशन मंच पर पहुंचे।
जूनियर डॉक्टरों की मोबाइल फोन पर CM से कराई बात
इस दौरान मुख्य सचिव ने जूनियर डॉक्टरों की अपने मोबाइल फोन पर मुख्यमंत्री से बात कराई। ममता ने उनसे कहा-'मैं आपके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हूं। आप अनशन खत्म कर काम पर लौटे। मैं जितना हो पाएगा, सहयोग करूंगी। अधिकांश मांगों को पूरा कर दिया गया है।बाकी पूरी करने के लिए मुझे तीन-चार महीने का समय दीजिए। ममता ने आगे कहा-'सामने मेडिकल की परीक्षाएं हैं। आपकी पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है। परीक्षाएं ठीक से कराने की व्यवस्था की जाएगी। हालात सामान्य होने पर सभी मेडिकल कालेजों में एक साथ चुनाव भी कराया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को हटाने की मांग को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा-'एक विभाग के सभी अधिकारियों को एक साथ हटा देने से वह काम कैसे करेगा?
सुरक्षा में खर्च किए जा रहे 113 करोड़ रुपये
तत्कालीन कोलकाता पुलिस आयुक्त समेत अन्य सभी को हटाया जा चुका है। अस्पतालों की आधारभूत संरचना विकसित करने व वहां पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था को 113 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मालूम हो जूनियर डॉक्टरों की 10-सूत्री मांगों में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर के परिवार को जल्द न्याय, स्वास्थ्य सचिव को पद से हटाना, सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था, वहां व्याप्त धमकी की संस्कृति को खत्म करना, केंद्रीयकृत रेफरल प्रणाली व खाली बेडों की डिजिटल निगरानी की व्यवस्था करना, अस्पतालों में टास्क फोर्स का गठन इत्यादि शामिल हैं।सियासी विश्लेषकों के एक वर्ग का कहना है कि आगामी विधानसभा उपचुनावों को देखते हुए ममता जल्द से जल्द अनशन खत्म कराना चाह रही हैं।
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