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RG Kar Case: तो क्या फर्जी था महिला डॉक्टर का पोस्टमॉर्टम? CBI का खुलासा- पूरी प्रक्रिया को संदीप घोष ने किया था नियंत्रित

RG Kar Case कोलकाता कांड पर सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया है। एजेंसी ने कहा कि जूनियर महिला डॉक्टर के शव के पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया को अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने नियंत्रित किया था। मुर्दाघर सहायक ने पूछताछ में बताया कि पोस्टमार्टम के समय उसे शव के पास आने नहीं दिया गया और कमरे के एक कोने में बिठा दिया गया था।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Sat, 28 Sep 2024 12:40 PM (IST)
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RG Kar Case कोलकाता कांड में फिर फंसे संदीप घोष।

जेएनएन, कोलकाता। RG Kar Case आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई जूनियर महिला डॉक्टर के शव के पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया को अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपने विश्वसनीय डॉक्टरों के जरिए पूरी तरह नियंत्रित किया था।

CBI ने किया राजफाश

मामले की जांच कर रही सीबीआई ने यह राजफाश किया है। सीबीआइ के अनुसार मुर्दाघर सहायक ने पूछताछ में बताया है कि पोस्टमॉर्टम के समय उसे शव के पास आने नहीं दिया गया था बल्कि कमरे के एक कोने में बिठाकर रखा गया था जबकि उसका काम शव के क्षतिग्रस्त अंगों को चिन्हित करके पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों को बताना व अंत में शव को सिलना है।

तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के उपाध्यक्ष निलंबित 

दूसरी ओर आरजी कर कांड को लेकर 'आगमनी तिलोत्तमार गल्पो' नामक लघु फिल्म तैयार करने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अपने छात्र संगठन तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के उपाध्यक्ष प्रांतिक चक्रवर्ती व सदस्या राजन्या हलदर को निलंबित कर दिया है।

इसके बावजूद दोनों अपनी फिल्म को प्रदर्शित करने पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ फिल्म का पोस्टर देखकर इसमें क्या दिखाई जा रहा है,  इस बारे में अनुमान लगाना सही नहीं है। दूसरी तरफ तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि इस लघु फिल्म से तृणमूल का कुछ लेना-देना  नहीं है। पार्टी भी आरजी कर कांड में न्याय चाहती है।

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